वादाखिलाफी से नाराज मध्य प्रदेश के करीब ढाई लाख संविदा कर्मचारियों ने राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. आंदोलन की शुरुआत में संविदा कर्मचारियों ने संविदा संयुक्त संघर्ष मंच के बैनर तले भोपाल के अंबेडकर पार्क में धरना दिया. धरने में इन कर्मचारियों के करीब ढाई हजार प्रतिनिधि शामिल हुए। संविदा कर्मचारियों ने चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वे सरकारी दफ्तरों में ताला लगा देंगे.
मध्य प्रदेश के संविदा कर्मचारी नाराज हैं. उन्होंने अपना गुस्सा जाहिर करते हुए शनिवार 22 नवंबर से अपना आंदोलन शुरू कर दिया है. ढाई लाख संविदा कर्मचारियों के करीब ढाई हजार प्रतिनिधि भोपाल पहुंचे और वहां धरना देकर सरकार को उसके वादे याद दिलाये. इसके आधार पर उन्होंने 9 सूत्री मांग पत्र तैयार किया है, जिस पर वे हाथों में नारे लिखी तख्तियां लेकर बैठे थे.
सरकार पर धोखाधड़ी का आरोप
भारतीय मजदूर संघ से संबद्ध संविदा संयुक्त संघर्ष मंच के बैनर तले प्रदर्शन में शामिल कर्मचारी काफी नाराज दिखे. प्रदेश संयोजक दिनेश सिंह तोमर ने कहा कि सरकार ने 2023 में संविदा नीति बनाई है. मुख्यमंत्री ने पंचायत की जिसमें सरकार ने निर्णय लिया कि संविदा कर्मियों को नियमित कर्मचारियों के समान सुविधाएं मिलेंगी, लेकिन जब नीति की घोषणा हुई तो सारे वादे भूल गए.
…तो दफ्तरों में ताले लटका देंगे
कर्मचारी नेता ने कहा कि हम सरकार चला रहे हैं और हमें धोखा दिया जा रहा है. रेगुलर को पूरी सुविधा मिल रही है और हमें आधी सुविधा मिल रही है. ऐसा भेदभाव क्यों हो रहा है? हमें आधी सुविधाएं और आधा वेतन देने का शोषण कब तक जारी रहेगा, हम चाहते हैं कि मुख्यमंत्री हमसे संवाद करें, इसीलिए हमने आज चेतावनी जारी की है. अगर सरकार ने हमारी मांगें नहीं मानी तो हम सरकार ठप कर देंगे और सरकारी दफ्तरों में ताला जड़ देंगे.
संविदा कर्मचारियों की मुख्य मांगें
- सीपीआई इंडेक्स के स्थान पर डीए का प्रावधान किया जाए।
- अर्जित एवं चिकित्सा अवकाश का प्रावधान किया जाए।
- सीधी भर्ती हेतु आरक्षित पदों में से 50% पदों को अनुभव के आधार पर मर्ज/नियमित किया जाये।
- एक योजना बंद होने पर कार्यरत संविदा कर्मचारियों को दूसरी योजना में नियुक्ति दी जाये।
- पूर्ण समतुल्यता संबंधी विसंगति को यथाशीघ्र दूर किया जाए तथा जिन योजनाओं में समतुल्यता का निर्धारण नहीं हुआ है उनका निराकरण यथाशीघ्र किया जाए।
- प्रत्येक कर्मचारी को 20 लाख रुपये का समूह बीमा प्रदान किया गया। जाना।
- संविदा कर्मचारियों को सरकारी आवास आवंटन की सुविधा प्रदान की जाए।
- पीएससी के पदों पर अनुभव अंक दिए जाएं।
- नियमित कर्मचारियों की तरह महिला संविदा कर्मचारियों को भी शिशु देखभाल अवकाश का प्रावधान किया जाए।
भोपाल से जीतेन्द्र यादव की रिपोर्ट



