बायजू के संस्थापक बायजू रवींद्रन को अमेरिकी दिवालियापन अदालत से बड़ा झटका लगा है। कई बार कोर्ट में पेश न होने और जरूरी दस्तावेज जमा करने के आदेश की अनदेखी करने के कारण कोर्ट ने उन्हें 1.07 करोड़ डॉलर यानी करीब 9,591 करोड़ रुपये चुकाने का आदेश दिया है.
20 नवंबर को दिए गए फैसले में जज ब्रेंडन शैनन ने बायजू को लोन के पैसे की हेराफेरी और सबूत छिपाने का दोषी ठहराया. सबसे बड़ी बात- बार-बार कोर्ट के समन भेजने के बावजूद बायजू रवींद्रन पेश नहीं हुए और जरूरी दस्तावेज भी जमा नहीं किए.
दरअसल, 2021-22 में बायजू ने अमेरिका में बायजू अल्फा नाम से शेल कंपनी बनाई थी. इसके जरिए वैश्विक कर्जदाताओं से 1.2 अरब डॉलर (करीब 10,000 करोड़ रुपये) का टर्म लोन लिया गया, लेकिन बाद में 553 मिलियन डॉलर (करीब 4,600 करोड़ रुपये) रहस्यमय तरीके से गायब हो गया.
यह पैसा मियामी की एक छोटी हेज फंड कंपनी कैंषफ़्ट कैपिटल को हस्तांतरित किया गया था, जिसके संस्थापक केवल 25 वर्ष के थे और पहले एक आइसक्रीम पार्लर चलाते थे। कोर्ट ने पाया कि ये पूरा खेल बायजू रवींद्रन की देखरेख में हुआ था.
अब कर्जदाताओं की ओर से नियुक्त एजेंट ग्लास ट्रस्ट ने बायजू रवींद्रन को व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार ठहराते हुए पूरा बकाया वसूलने का दावा किया है। कोर्ट ने उनकी दलीलों को खारिज कर दिया है और उन्हें पूरे 1.07 अरब डॉलर का भुगतान करने को कहा है.
भारत की सबसे बड़ी एडटेक कंपनी, जिसकी कीमत कभी 22 अरब डॉलर थी, आज दिवालिया होने की कगार पर है और इसके संस्थापक पर 9,500 करोड़ रुपये से अधिक का व्यक्तिगत कर्ज है!



