इंदौर, 21 नवंबर (भाषा) मध्य प्रदेश पुलिस के नारकोटिक्स दस्ते ने इंदौर में तीन दिन पहले पासपोर्ट और छात्र वीजा फर्जी होने के संदेह में गिरफ्तार की गई एक अफ्रीकी महिला की जांच शुरू कर दी है। एक पुलिस अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी.
अधिकारी ने बताया कि मुखबिर की सूचना पर 18 नवंबर को शहर के रेजीडेंसी इलाके से अफ्रीकी महिला को गिरफ्तार किया गया और उसके पास मिले पासपोर्ट के अनुसार उसकी पहचान लिंडा (25) के रूप में हुई.
उन्होंने बताया कि अफ्रीकी महिला बस से मुंबई से इंदौर आई थी और उसके कब्जे से करीब 31 ग्राम कोकीन बरामद की गई.
अधिकारी के मुताबिक, इस महिला के पास पश्चिमी अफ्रीकी देश कोटे डी आइवर (पुराना नाम आइवरी कोस्ट) का पासपोर्ट पाया गया और आरोपी ने पुलिस पूछताछ में दावा किया कि वह इसी साल छात्र वीजा पर भारत आई थी और महाराष्ट्र के नालासोपारा में रह रही थी.
नारकोटिक्स स्क्वाड के पुलिस उपमहानिरीक्षक महेशचंद जैन ने पीटीआई-भाषा को बताया, ”मामले की जांच में मिले कुछ सुरागों के आधार पर हमें संदेह है कि अफ्रीकी महिला का पासपोर्ट और छात्र वीजा फर्जी है.”
उन्होंने कहा कि अफ्रीकी महिला के पासपोर्ट और छात्र वीजा का सत्यापन संबंधित विदेशी पंजीकरण कार्यालय (एफआरओ) के माध्यम से किया जा रहा है और यदि कोई विसंगति पाई जाती है, तो उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
जैन ने कहा कि अफ्रीकी महिला के खिलाफ नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस) अधिनियम के तहत दर्ज एफआईआर की एक अलग जांच चल रही है।
उन्होंने कहा कि आरोपी फिलहाल न्यायिक हिरासत के तहत स्थानीय जेल में बंद है.
एक अन्य अधिकारी ने बताया कि अफ्रीकी महिला ने पूछताछ के दौरान पुलिस को ज्यादा सहयोग नहीं दिया. उन्होंने कहा, “पूछताछ के दौरान इस महिला ने हमें जो जन्मतिथि बताई, वह उसके पास मिले पासपोर्ट पर दर्ज जन्मतिथि से अलग है।”
प्रावधानों के तहत, भारत में पढ़ने वाले विदेशी छात्रों को विदेशी पंजीकरण कार्यालय (एफआरओ) या विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय (एफआरआरओ) में अपना पंजीकरण कराना होगा।
भाषा हर्ष खरी
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