सिमडेगा. भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती को बीजेपी जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मना रही है. इसके लिए ठेठईटांगर प्रखंड के बाघचट्टा में वनवासी कल्याण आश्रम की ओर से 50 बुजुर्गों के बीच कंबल का वितरण किया गया. इससे पहले लोगों ने भारत माता और भगवान बिरसा मुंडा की तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी. मौके पर गोंड महासभा के प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व मंत्री विमला प्रधान ने लोगों के बीच भगवान बिरसा मुंडा की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भगवान बिरसा मुंडा एक आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी, समाज सुधारक और आध्यात्मिक नेता थे. उन्होंने ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के खिलाफ उलगुलान का नेतृत्व किया। उन्हें धरती आबा के नाम से जाना जाता है। उन्होंने आदिवासी जनजातियों के अधिकारों और सांस्कृतिक पहचान की रक्षा के लिए लड़ाई लड़ी। उन्होंने ब्रिटिश राज और आदिवासी शोषण के खिलाफ एक शक्तिशाली आंदोलन उलगुलान का भी नेतृत्व किया। अंग्रेजों द्वारा थोपी गई जमींदारी प्रथा, धर्मांतरण और आदिवासियों के पारंपरिक जीवन पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ संघर्ष किया। उन्होंने जल, जंगल और जमीन की रक्षा के लिए आदिवासियों को एकजुट किया। वे ईसाई मिशनरियों के धर्मान्तरण के विरुद्ध भी आन्दोलन करते रहे। केंद्र सरकार ने भगवान बिरसा मुंडा की जयंती को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया है, जो सम्मान की बात है. मौके पर वनवासी कल्याण आश्रम के संतोष दास, बसंत नारायण मांझी आदि समेत बड़ी संख्या में आदिवासी समुदाय के लोग मौजूद थे.
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बिरसा मुंडा ने आदिवासियों के अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ी: विमला प्रधान पोस्ट सबसे पहले लोकजनता पर दिखाई दी.



