भोपाल: MP की राजनीति बिहार चुनाव में कांग्रेस और राजद के महागठबंधन की करारी हार के बाद कांग्रेस समेत सभी विपक्षी दलों में आत्ममंथन का दौर जारी है. ईवीएम हैक, वोट चोरी और एसआईआर के आरोपों के बाद एमपी कांग्रेस ने चुनाव आयोग पर निशाना साधने का नया तरीका ढूंढ लिया है. शुक्रवार को पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता पीसी शर्मा के नेतृत्व में मध्य प्रदेश चुनाव कार्यालय पहुंचे. मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार के नाम मध्य प्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को ज्ञापन सौंपा गया. जिसमें कहा गया था कि चुनाव आचार संहिता के दौरान विपक्षी दलों को पैसे बांटने की इजाजत दी जानी चाहिए. इसके पीछे कांग्रेस ने बिहार और महाराष्ट्र समेत बीजेपी शासित राज्यों की महिला सशक्तिकरण योजनाओं का हवाला दिया. साथ ही उन्होंने लाडली ब्राह्मण योजना का जिक्र करते हुए चुनाव आयोग पर निष्पक्ष चुनाव नहीं कराने का आरोप लगाया.
एमपी पॉलिटिक्स जहां कांग्रेस ने ज्ञापन के जरिए चुनाव आयोग और बीजेपी पर आरोपों के तीर चलाए, वहीं बीजेपी ने पलटवार करते हुए कांग्रेस पर जनमत का अपमान करने का आरोप लगाया और तंज कसा कि कांग्रेस को राहुल गांधी और जीतू पटवारी के नेतृत्व के बारे में सोचना चाहिए.
कुल मिलाकर ईवीएम और एसआईआर पर सियासी जंग अब एक कदम आगे बढ़ती जा रही है. कांग्रेस अपनी हार का कारण लाडली ब्राह्मण जैसी योजनाओं को बता रही है और चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठा रही है. ऐसे में सवाल ये है कि क्या महिला सशक्तिकरण योजनाओं से कांग्रेस हार रही है? सवाल ये भी है- क्या कांग्रेस की नई मांग तर्कसंगत है?
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