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Friday, November 21, 2025
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“राजद ने जारी की ‘वंशवादी मंत्रियों’ की सूची- केंद्र में दीपक प्रकाश, एनडीए ने कहा ‘रणनीति और संतुलन'” | लोकजनता


बिहार की राजनीति में 20 नवंबर 2025 एक ऐतिहासिक दिन है खैर, जब नीतीश कुमार 10वीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लिया। शपथ ग्रहण समारोह में उनके साथ 26 मंत्रियों ने पद एवं गोपनीयता की शपथ ली. लेकिन चर्चा का सबसे बड़ा केंद्र बन गया दीपक की रोशनीजिन्हें किसी भी सदन का सदस्य न होते हुए भी मंत्री बना दिया गया।

ये फैसला आते ही राजनीतिक गलियारों में विवाद मच गया. परिवारवाद और वंशवाद इसे लेकर बहस तेज हो गई है.


विपक्ष का हमला-”कैबिनेट में वंशवाद की बाढ़”

राजद ने वंशवाद वाले मंत्रियों की एक सूची जारी की, जिसमें ये शामिल हैं 10 नाम शामिल हैं-
उपेन्द्र कुशवाहा, दिग्विजय सिंह, जीतन राम मांझी, शकुनी चौधरी, कैप्टन जय नारायण निषाद आदि।
इस लिस्ट में दीपक प्रकाश का नाम भी जुड़ गया है.

जब उनसे पूछा गया कि उन्हें मंत्री क्यों बनाया गया तो दीपक प्रकाश ने कहा-

– “मुझे शपथ ग्रहण समारोह से कुछ देर पहले ही पता चला। इस बारे में पापा ही बता पाएंगे।”

नियमानुसार दीपक प्रकाश छह महीने के भीतर उन्हें किसी एक सदन का सदस्य बनना होगा, अन्यथा उन्हें मंत्री पद छोड़ना होगा।


राजनीतिक रणनीति या मजबूरी?

विश्लेषकों का मानना ​​है कि दीपक प्रकाश को मंत्री बनाया जा सकता है एनडीए की गठबंधन प्रबंधन रणनीति हिस्सा है।
गठबंधन में सीट बंटवारे के दौरान उपेन्द्र कुशवाहा की नाराजगी लगातार सुर्खियों में रही. माना जा रहा है कि यह फैसला उन्हें मनाने की कोशिश है.

इसके साथ ही राजद की ओर से उठाए गए सवाल भी जोर पकड़ रहे हैं, क्योंकि इस सरकार में कई ऐसे मंत्री हैं जिनका राजनीतिक सफर परिवार से जुड़ा है.
• श्रेयसी सिंह (दिग्विजय सिंह की बेटी)
• सम्राट चौधरी (शकुनि चौधरी के पुत्र)
वगैरह-वगैरह.


कौन हैं दीपक प्रकाश?

दीपक प्रकाश की मजबूत राजनीतिक पृष्ठभूमि रही है.
• जन्म : 1989
• शिक्षा: 2011 में सिक्किम मणिपाल विश्वविद्यालय से बी.टेक
• विदेश से उच्च शिक्षा के बाद बिहार लौटे
• 2019 से सक्रिय राजनीति
• उपेन्द्र कुशवाह के पुत्र
• उनकी मां स्नेहलता कुशवाहा सासाराम से विधायक हैं.

वह पिछले कुछ वर्षों से आरएलएम के संगठनात्मक कार्यों में भूमिका निभा रहे हैं। युवा चेहरे के तौर पर पार्टी उन्हें भविष्य का नेता मानती है.


क्या ये युवाओं को आगे बढ़ाने की कोशिश है?

ऐसा एनडीए समर्थकों का कहना है
• युवा नेतृत्व को बढ़ावा देना
• नई पीढ़ी को जिम्मेदारी देना
• और गठबंधन को संतुलित करना
-इन्हीं सब कारणों से दीपक प्रकाश को मौका दिया गया है.

पार्टी के अंदरूनी सूत्रों का दावा है कि वह जल्द ही ऐसा करेंगे एमएलसी बनाया जा सकता है.


शपथ ग्रहण समारोह और उठते सवाल

पटना के गांधी मैदान में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में भारी भीड़ और सियासी गहमागहमी देखने को मिली. दूसरी ओर यह सवाल भी उठता रहा कि-

क्या बिना अनुभव और बिना सदन की सदस्यता वाले युवा को मंत्री बनाना राजनीतिक रूप से उचित कदम है?

कई विशेषज्ञ इसे आगामी विधानसभा और स्थानीय चुनाव से पहले युवाओं को जोड़ने की कोशिश के तौर पर देख रहे हैं.


अंत में…

नीतीश कुमार का रिकॉर्ड 10वीं बार मुख्यमंत्री बनना और दीपक प्रकाश जैसे नई पीढ़ी के चेहरों का उभरना इस बात का साफ संकेत देता है
बिहार की राजनीति अब अनुभव और युवा ऊर्जा दोनों का मिश्रण बनने की ओर बढ़ रही है.

लेकिन इसमें कोई शक नहीं कि परिवारवाद बनाम युवा नेतृत्व की यह बहस भविष्य में और तेज़ होगी.



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