बढ़ती आलोचना के बीच प्रीति मांझी ने एक बयान जारी कर कहा कि उनकी कहानी को गलत संदर्भ में पेश किया गया है. उन्होंने कहा कि मेरा उद्देश्य किसी नक्सली या हिंसक गतिविधि का समर्थन करना नहीं, बल्कि आदिवासी इलाकों में संघर्ष और स्थिति की ओर ध्यान आकर्षित करना है. मांझी ने आगे कहा, “मैं गांधीवादी विचारधारा का हूं, संविधान का समर्थन करता हूं और नक्सलियों का कड़ा विरोध करता हूं। छत्तीसगढ़ की बेटी होने के नाते मेरी निजी राय है कि नक्सलियों को जितना संभव हो सके आत्मसमर्पण करना चाहिए और मुख्यधारा में आना चाहिए।”



