भागलपुर, सबौर: फरका से सुलतानगंज के पास 40 किलोमीटर लंबे समय से प्रस्तावित मरीन ड्राइव परियोजना इसे धरातल पर लाने की दिशा में बड़ी पहल की गयी है. गुरुवार को सबौर प्रखंड क्षेत्र में मो मृदा परीक्षण काम शुरू होते ही स्थानीय लोगों में उत्साह देखा गया.
मरीन ड्राइव कटाव और बाढ़ की समस्या से राहत दिलाएगा
मरीन ड्राइव के निर्माण के बाद बरारी, रजंदीपुर, फरका और इंग्लिश गांव के ग्रामीणों को हर साल होने वाले गंगा कटाव से बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है. यह क्षेत्र लंबे समय से कटाव और बाढ़ की समस्या से जूझ रहा है. स्थानीय लोगों का कहना है कि इस प्रोजेक्ट के पूरा होने से उनकी सबसे बड़ी समस्या का समाधान हो जाएगा.
ग्रामीणों के अनुसार
“मरीन ड्राइव के निर्माण से गंगा कटाव रुकेगा, सड़क सुविधाएं बेहतर होंगी और क्षेत्र का तेजी से विकास होगा।”
अडानी ग्रुप और दिलीप बिल्डिकॉन इस प्रोजेक्ट को अंतिम रूप दे रहे हैं
परियोजना को अंतिम रूप देना अदानी ग्रुप की ओर से दिलीप बिल्डिकॉन लिमिटेड के सहयोग से किया जा रहा है। कंपनी के प्रतिनियुक्त कर्मियों ने बताया कि
- मृदा परीक्षण पूरा होने के बाद
- भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया शुरू हो जाएगी.
मिट्टी की जांच इसलिए जरूरी है ताकि पता चल सके कि जमीन के अंदर क्या है 20, 25, 30 या 40 मीटर अब तक क्या है मिट्टी की स्थिति? इसके आधार पर यह तय किया जाएगा कि किस स्थान पर रहना है बड़ा पुल क्या यह बनेगा और किस स्थान पर बनेगा? छोटा पुल।।
“नमामि गंगे” के अंतर्गत महत्वपूर्ण परियोजना – दीपशिखानंद परिणा
नगर पंचायत सबौर के अध्यक्ष मो दीपशिखानन्द परिणा कहा कि यह प्रोजेक्ट केंद्र सरकार का है नमामि गंगे योजना के तहत शुरू किया गया है और सबौर समेत पूरे क्षेत्र के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित होगा.
उसने कहा
“यह परियोजना गंगा के किनारे रहने वाले हजारों लोगों के जीवन को बदल देगी। इससे कटाव, यातायात और बाढ़ से राहत मिलेगी।”
ग्रामीण खुश, प्रोजेक्ट से बढ़ी उम्मीदें
मिट्टी परीक्षण शुरू होने से स्थानीय लोगों में यह उम्मीद जगी है कि दशकों से लंबित मरीन ड्राइव परियोजना अब जल्द ही आकार लेगी.
गंगा किनारे के गांवों में विकास की दिशा में इसे क्रियान्वित किया जा रहा है। ऐतिहासिक कदम ऐसा बताया जा रहा है.
VOB चैनल से जुड़ें



