एमपी भवनान्तर योजना: मध्य प्रदेश के सोयाबीन उत्पादक किसानों के लिए अच्छी खबर है. प्रदेश की मोहन सरकार द्वारा सोयाबीन के मॉडल रेट में लगातार बढ़ोतरी की जा रही है. भावांतर योजना 2025 के अंतर्गत सोयाबीन बेचने वाले किसानों के लिए आज 21 नवंबर को 4271 रुपये प्रति क्विंटल का मॉडल रेट जारी किया गया है। यह मॉडल दर उन किसानों के लिए है जिन्होंने अपनी सोयाबीन उपज मंडी परिसर में बेची है। इस मॉडल रेट के आधार पर ही भावांतर की राशि की गणना की जाएगी। राज्य सरकार गारंटी देती है कि किसानों को हर हाल में सोयाबीन का न्यूनतम समर्थन मूल्य 5328 रुपये प्रति क्विंटल मिलेगा.
सोयाबीन के मॉडल रेट लगातार बढ़ रहे हैं
सोयाबीन के मॉडल रेट में बढ़ोतरी जारी है. पहला मॉडल रेट 7 नवंबर को 4020 रुपये प्रति क्विंटल जारी किया गया था. इसी तरह 8 नवंबर को 4033 रुपये, 9 और 10 नवंबर को 4036 रुपये, 11 नवंबर को 4056 रुपये, 12 नवंबर को 4077 रुपये, 13 नवंबर को 4130 रुपये, 14 नवंबर को 4184 रुपये, 15 नवंबर को 4225 रुपये, 16 नवंबर को 4234 रुपये, 4236 रुपये। 17 नवंबर, 18 नवंबर को 4236 रुपये। 4255 रुपये, 19 नवंबर को 4263 रुपये और 20 नवंबर को 4267 रुपये प्रति क्विंटल का मॉडल रेट जारी किया गया।
सोयाबीन का समर्थन मूल्य 5328 रू
राज्य सरकार गारंटी देती है कि किसानों को हर हाल में सोयाबीन का न्यूनतम समर्थन मूल्य 5328 रुपये प्रति क्विंटल मिलेगा. मॉडल कीमत पिछले चौदह दिनों में सोयाबीन बाजार की कीमतों का भारित औसत है। सरकार एमएसपी और नीलामी मूल्य/मॉडल मूल्य के बीच अंतर का भुगतान कर रही है और किसान के नुकसान की भरपाई कर रही है। आपको बता दें कि पिछले साल सोयाबीन की कीमत 4800 रुपए थी, इस बार किसानों को 500 रुपए प्रति क्विंटल का फायदा देकर 5300 रुपए से ज्यादा कीमत पर सोयाबीन खरीदी जा रही है। प्रदेश में 9 लाख से अधिक किसानों ने भावांतर योजना में सोयाबीन बेचने के लिए पंजीयन कराया।
9.36 लाख सोयाबीन उत्पादक किसानों ने पंजीयन कराया है
- सोयाबीन उत्पादक किसानों के लिए लागू की गई भावांतर योजना के तहत 3 से 17 अक्टूबर तक चले पंजीयन में 9.36 लाख किसानों ने अपना पंजीयन करवाया है। प्रदेश में सात जिले हैं, उज्जैन, राजगढ़, शाजापुर, देवास, सीहोर, विदिशा और सागर, जहां 50-50 हजार से ज्यादा किसानों ने पंजीयन कराया है। इसी प्रकार 21 जिलों के 10-10 हजार से अधिक किसानों ने पंजीयन कराया है। राज्य में सोयाबीन की विक्रय अवधि 24 अक्टूबर से 15 जनवरी 2026 तक रहेगी।
- यदि सोयाबीन एमएसपी से कम दाम पर बिकता है तो किसानों के नुकसान की भरपाई राज्य सरकार भावांतर योजना के तहत करेगी। फसल के विक्रय मूल्य और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के बीच के अंतर का भुगतान सीधे राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा। सोयाबीन खरीद का पहला मॉडल मूल्य 7 नवंबर 2025 को घोषित किया जाएगा।
भावांतर योजना के लिए हेल्पलाइन नंबर
- राज्य सरकार द्वारा राज्य के किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाने के उद्देश्य से शुरू की गई भावांतर योजना-2025 के तहत सोयाबीन की खरीद में मदद के लिए एक हेल्पलाइन सुविधा भी शुरू की गई है।
- योजना के प्रभावी एवं सुचारु क्रियान्वयन हेतु किसानों, व्यापारी संगठनों, मण्डी बोर्ड/मण्डी समितियों के अधिकारियों एवं कर्मचारियों की सुविधा हेतु भावांतर हेल्पलाइन कॉल सेंटर प्रारंभ किया गया है।
- हेल्पलाइन का टेलीफोन नंबर है- 0755-2704555. यह हेल्पलाइन 30 अक्टूबर 2025 से सतत योजना अवधि तक क्रियाशील है। हेल्पलाइन प्रतिदिन प्रातः 07 बजे से रात्रि 11 बजे तक निरन्तर कार्य करेगी।
योजना से संबंधित किसी भी प्रकार की जानकारी या समस्या के समाधान के लिए कोई भी किसान, व्यापारी या संबंधित व्यक्ति हेल्पलाइन पर संपर्क कर सकता है।



