लखनऊ. उत्तर प्रदेश के लखनऊ में शरजील इमाम के कथित भड़काऊ भाषणों को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के बाद विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) ने विभिन्न पेशेवर क्षेत्रों से जुड़े कुछ लोगों के कट्टरपंथी गतिविधियों में शामिल पाए जाने की हालिया रिपोर्टों पर चिंता जताई है।
विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा कि अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल द्वारा मंगलवार को शीर्ष अदालत में शरजील इमाम के कथित भाषणों के अंश पेश किये जाने के बाद देश में यह सवाल खड़ा हो गया है कि आखिर किस पर भरोसा किया जाना चाहिए और किस पर नहीं.
उन्होंने आरोप लगाया कि इमाम के भाषणों में देश की एकता और सुरक्षा से जुड़े गंभीर मुद्दों को प्रभावित करने वाली बातें कही गईं.
बंसल के मुताबिक, “उत्तर-पूर्वी राज्यों की कनेक्टिविटी बाधित करना, बड़े पैमाने पर नाकेबंदी करना, संवैधानिक संस्थाओं के खिलाफ भड़काना और संगठित तरीके से अशांति पैदा करने जैसी अपीलें किसी भी रूप में स्वीकार्य नहीं हो सकतीं।”
प्रवक्ता ने कहा कि ऐसे बयान सार्वजनिक शांति, सामाजिक सद्भाव और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए चुनौती माने जा सकते हैं. उन्होंने आशंका जताते हुए कहा कि ‘अगर ऐसे लोग जेल से बाहर आएंगे तो कानून-व्यवस्था पर इसका गंभीर असर पड़ सकता है.’ उन्होंने दावा किया कि कट्टरपंथी विचारों का प्रसार युवाओं को भ्रमित करता है और समाज में असामाजिक गतिविधियों को बढ़ावा देता है। उन्होंने कोर्ट से ऐसे मामलों में सख्त रुख अपनाने की अपेक्षा की ताकि किसी भी तरह की देश विरोधी गतिविधि को बढ़ावा न मिले.



