उत्तर प्रदेश की घोसी विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायक हैं सुधाकर सिंह गुरुवार सुबह लखनऊ के मेदांता अस्पताल में निधन हो गया। 67 वर्षीय सिंह को दो दिन पहले तबीयत बिगड़ने के बाद गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया था. अस्पताल निदेशक डॉ. राकेश कपूर के मुताबिक, उन्हें लिवर समेत कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं थीं बहु अंग विफलता के कारण उनकी मृत्यु हो गई।
सुधाकर सिंह के निधन की खबर फैलते ही मऊ जिले और समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं में शोक की लहर दौड़ गई.
अस्पताल पहुंचे अखिलेश यादव और शिवपाल यादव
सपा विधायक के निधन की खबर मिलते ही पार्टी मुखिया मो अखिलेश यादव और वरिष्ठ नेता -शिवपाल सिंह यादव तुरंत मेदांता अस्पताल पहुंचे। दोनों नेताओं ने परिजनों से मुलाकात की और संवेदना व्यक्त की.
सुधाकर सिंह का निधन इसलिए भी अहम है क्योंकि उन्हें 2023 में सम्मानित किया जाएगा. घोसी उपचुनाव बड़ी जीत दर्ज करने के बाद वह सुर्खियों में आ गए. इस चुनाव में वह योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे। दारा सिंह चौहान हार गए, जिसे समाजवादी पार्टी के लिए बड़ी राजनीतिक जीत माना गया.
उमर अंसारी के रिसेप्शन में शामिल हुए
जानकारी के मुताबिक, माफिया मुख्तार अंसारी के छोटे बेटे सुधाकर सिंह को तीन दिन पहले दिल्ली में पकड़ा गया था. उमर अंसारी रिसेप्शन में शामिल हुए थे.
वहां से लौटने के बाद उनकी तबीयत अचानक बिगड़ने लगी. इसके बाद मंगलवार को उन्हें तुरंत लखनऊ लाया गया और मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया।
उनके निधन पर कैबिनेट मंत्री मो एके शर्माघोसी लोकसभा सांसद राजीव रायऔर विभिन्न दलों के कई नेताओं ने दुख व्यक्त किया है, जो मऊ की राजनीति में सुधाकर सिंह की व्यापक स्वीकार्यता को दर्शाता है.
परिवार: पत्नी, दो बेटे और एक बेटी
सुधाकर सिंह अपने परिवार में-
- पत्नी,
- दो बेटों,
- और एक बेटी
छोड़ दिया है। उनके निधन से उनके परिवार और समर्थकों में गहरा शोक है.
तीन दशक का राजनीतिक सफर
घोसी क्षेत्र के भावनपुर निवासी सुधाकर सिंह मऊ की राजनीति में प्रभावशाली और लोकप्रिय नेता माने जाते थे।
उनका राजनीतिक सफर-
- 1990 के दशक में छात्र राजनीति से शुरू हुआ
- 1996 में नाथूपुर सीट से पहली बार विधायक बने
- 2012 में परिसीमन के बाद घोसी सीट से दूसरी बार जीते
- 2017 में फागू चौहान से हार का सामना करना पड़ा
इसके बावजूद मऊ की राजनीति पर उनकी पकड़ 2022 तक मजबूत बनी रही.
2023 का उपचुनाव उनका राजनीतिक पुनर्जन्म बन गया
दारा सिंह चौहान के सपा छोड़कर बीजेपी में लौटने के बाद 2023 में घोसी उपचुनाव में पार्टी एक बार फिर सुधाकर सिंह भरोसा जताया.
यह चुनाव योगी सरकार के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन गया था.
- सपा से सुधाकर सिंह
- बीजेपी से दारा सिंह चौहान
आमने-सामने थे.
इस हाईवोल्टेज चुनाव में सुधाकर सिंह ने अपनी राजनीतिक ताकत दिखाई और दारा सिंह चौहान को हरा दिया तीसरी बार विधायक हैं बन गया।
मऊ की राजनीति में बड़ा शून्य!
सुधाकर सिंह के निधन से मऊ और घोसी क्षेत्र की राजनीति को बड़ा झटका लगा है.
स्थानीय लोगों का कहना है कि वह एक मिलनसार, जमीन से जुड़े नेता थे जो हमेशा जनता के मुद्दों पर आवाज उठाते थे. उनका निधन सपा के साथ-साथ पूरे प्रदेश के लिए अपूरणीय क्षति है।
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