बिहार की राजनीति में इस वक्त एक बड़ा और चौंकाने वाला सियासी घटनाक्रम सामने आया है.
पूर्व मंत्री तेज प्रताप यादव द्वारा स्थापित राजनीतिक दल जनशक्ति जनता दल (JJD) ने घोषणा की है कि वह नई एनडीए सरकार को नैतिक समर्थन दे देंगे।
इसके साथ ही जेजेडी ने लालू प्रसाद यादव की बेटी से सवाल किया. डॉ. रोहिणी आचार्य उनके सामने एक बड़ा प्रस्ताव रखा गया है – वह होगा राष्ट्रीय संरक्षक बनाने की पेशकश करें.
पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने इस फैसले की जानकारी दी प्रेम यादव प्रेस के माध्यम से दिया।
पार्टी बैठक के बाद प्रेम यादव ने कहा.
आने वाले समय में जनशक्ति जनता दल एनडीए सरकार को नैतिक समर्थन देगी.
साथ ही पार्टी ने तय किया है कि डॉ. रोहिणी आचार्य को राष्ट्रीय संरक्षक बनाया जाएगा.
इस प्रस्ताव पर तेज प्रताप यादव जल्द ही रोहिणी दीदी से बात करेंगे.’
जेजेडी का यह फैसला बिहार की राजनीति में नई राजनीतिक दिशाओं का संकेत देता है, खासकर ऐसे समय में जब राजद चुनावी हार और पारिवारिक विवादों से जूझ रही है।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में राजद को करारी हार का सामना करना पड़ा, जिसके बाद लालू परिवार में उथल-पुथल बढ़ गई है।
हार के बाद राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव की बेटी… रोहिणी आचार्य न केवल राजनीति छोड़ने का ऐलान दरअसल, उन्होंने परिवार से दूरी बनाते हुए गंभीर आरोप लगाए-
- चुनावी रणनीति में तेजस्वी यादव के करीबी संजय यादव और रमीज नेमत लेकिन हार के लिए जिम्मेदार ठहराया
- परिवार के अंदर अपमानित होना खुलेआम आरोप भी लगाया
- उन्होंने कहा कि दुर्व्यवहार किया गया, चप्पलों से मारने की कोशिश की गई
- उसे अपने माता-पिता को रोता हुआ छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा
इन आरोपों के बाद पूरे लालू परिवार की अंदरूनी स्थिति राजनीतिक चर्चा का बड़ा मुद्दा बन गई है.
रोहिणी आचार्य के आरोपों पर अब बड़े भाई… तेज प्रताप यादव इस पर प्रतिक्रिया भी सामने आ गई है.
तेज प्रताप ने अपनी बहन के प्रति सहानुभूति जताते हुए कहा-
“हमारी बहन का अपमान असहनीय है। जनता जयचंद से खुद हिसाब लेगी।”
मेरे साथ जो कुछ भी हुआ मैंने सहा…
लेकिन मेरी बहन का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
पापा का इशारा ही काफी है।”
तेज प्रताप के इस बयान से साफ पता चलता है कि लालू परिवार में स्थिति काफी तनावपूर्ण है और आने वाले दिनों में यह विवाद और गहरा सकता है.
तेज प्रताप की पार्टी का एनडीए को नैतिक समर्थन का ऐलान कई मायनों में अहम है –
1. राजद से दूरी का साफ संकेत
तेज प्रताप पहले से ही अपने छोटे भाई तेजस्वी यादव से राजनीतिक तौर पर अलग राह पर हैं.
2. रोहिणी को राष्ट्रीय संरक्षक का प्रस्ताव
इस ऑफर को सीधे तौर पर राजद के भीतर रोहिणी के मतभेदों का फायदा उठाने की राजनीति माना जा रहा है.
3. एनडीए को नैतिक समर्थन
हालाँकि यह समर्थन संख्या के बजाय राजनीतिक संदेश पर आधारित है।
4. राजद संकट के बीच नई सियासी पिच तैयार
घर के अंदर विवाद, बाहर चुनावी हार – ऐसे वक्त में तेज प्रताप का ये कदम राजनीति में नये समीकरण ला सकता है.
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