बिहार के पूर्वी चंपारण जिले के केसरिया और चकिया के बीच बन रहे विराट रामायण मंदिर के लिए दुनिया का सबसे बड़ा अखंड शिवलिंग 21 नवंबर को तमिलनाडु के महाबलीपुरम से बिहार के लिए रवाना होगा। यह भव्य मंदिर आचार्य किशोर कुणाल का ड्रीम प्रोजेक्ट है, जिसका निर्माण महावीर मंदिर न्यास समिति द्वारा कराया जा रहा है.
ट्रस्ट के सदस्य सायन कुणाल के मुताबिक काले ग्रेनाइट की विशाल चट्टान को तराश कर बनाए गए इस शिवलिंग की ऊंचाई और गोलाई 33 फीट है. इसका वजन लगभग है 210 मीट्रिक टन है। यह विशेष रूप से डिजाइन किया गया 96 व्हीलर है वोल्वो हाइड्रोलिक पुलर रथ से लाया जाएगा. यात्रा के दौरान रथ पर सहस्रलिंगम के रूप में एक हजार छोटे शिवलिंग भी रखे जाएंगे।
महाबलीपुरम से रवाना होने से पहले विधि-विधान से शिवलिंग की पूजा की जाएगी. इसके बाद यह लगभग है प्रति घंटा 5 किमी की रफ्तार से बिहार के लिए प्रस्थान करेंगे। लंबी दूरी और भारी वजन को देखते हुए चकिया से कैथवलिया तक 12 किमी लंबी सड़कें, पुल-पुलिया जानकीनगर स्थित मंदिर परिसर तक शिवलिंग सुरक्षित पहुंच सके, इसके लिए पुल का निर्माण कराया जा रहा है. यात्रा में लगभग डेढ़ महीना इसमें समय लगने की संभावना है.
रास्ते में जगह-जगह शिवलिंग रथ का स्वागत और पूजन भी किया जाएगा। इसके साथ ही एक विशेष दस्ता सुरक्षा और तकनीकी निगरानी करेगा.
मंदिर निर्माण का कार्य प्रगति पर है
महावीर मंदिर न्यास समिति द्वारा बनाए जा रहे विराट रामायण मंदिर की आधारशिला 20 जून 2023 को रखी गई थी। 120 एकड़ भूमि पर बन रहे इस भव्य परिसर की लंबाई 1080 फीट और चौड़ाई 540 फीट क्या होगा। इसमें कुल 22 मंदिर और 4 आश्रम शामिल होंगे।
मंदिर के सिंह द्वार, प्रवेश द्वार, गणेश स्थल, नंदी, गर्भगृह और विशाल शिवलिंग स्थल की पाइलिंग का काम लगभग पूरा हो चुका है। इस जगह पटना से लगभग 120 कि.मी की दूरी पर स्थित है।
VOB चैनल से जुड़ें



