बिहार में गुरुवार का दिन राजनीतिक तौर पर ऐतिहासिक साबित हुआ. जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने 10वीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली लिया। राजभवन, पटना में आयोजित समारोह में राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलायी.
इसके साथ ही नई एनडीए सरकार ने आधिकारिक तौर पर कार्यभार संभाल लिया है.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ पूरी तरह 26 मंत्री शपथ भी ली.
इस बार कैबिनेट में एनडीए के सभी सहयोगी दलों को प्रतिनिधित्व दिया गया है.
पार्टीवार आंकड़े इस प्रकार हैं-
- भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) – 16 मंत्री
- जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) – 6 मंत्री
- मुख्यमंत्री – 1 (नीतीश कुमार)
- लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास)- 2 मंत्री
- HAM (हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा) – 1 मंत्री
- आरएलएम (आरएलएमओ) – 1 मंत्री
इस बार बीजेपी को सबसे बड़ी हिस्सेदारी मिली है, जो बिहार में एनडीए की नई राजनीतिक रणनीति को दर्शाता है.
नई सरकार में उपमुख्यमंत्री पद पर कोई बदलाव नहीं किया गया है.
- सम्राट चौधरी (भाजपा) — लगातार दूसरी बार उपमुख्यमंत्री
- विजय कुमार सिन्हा (भाजपा) — लगातार दूसरी बार उपमुख्यमंत्री
एनडीए सरकार की रणनीति में दोनों नेताओं की अहम भूमिका होगी.
इस बार के कैबिनेट में तीन महिला नेताओं को जगह मिली है-
- लेसी सिंह (जेडीयू)
- रमा निषाद (भाजपा)
- श्रेयसी सिंह (भाजपा)
तीनों नेताओं की छवि अपने-अपने क्षेत्र में मजबूत मानी जाती है. श्रेयसी सिंह दूसरी बार विधायक बनी हैं और अपने युवा चेहरे की वजह से चर्चा में हैं.
नई एनडीए सरकार में ही
- जमा खान (जेडीयू)
मंत्री बना दिया गया है.
इसे एक प्रतीकात्मक प्रतिनिधित्व माना जाता है.
बिहार की राजनीति में जातीय संतुलन हमेशा से अहम रहा है.
नये मंत्रिमंडल में जातिगत प्रतिनिधित्व इस प्रकार है-
जाति संख्या (मंत्री):
- राजपूत – 4 मंत्री (सर्वाधिक)
- यादव- 3 मंत्री
- कुशवाह/कोइरी- 3 मंत्री
- कुर्मी- 2 मंत्री
- भूमिहार- 2 मंत्री
- ब्राह्मण – 1 मंत्री
- कायस्थ- 1 मंत्री
- दलित वर्ग- 5 मंत्री
- मुस्लिम – 1 मंत्री
इसका मतलब है कि एनडीए ने राजनीतिक पहचान और सामाजिक आधार को संतुलित करने की कोशिश की है।
दलित समुदाय से 5 नेता एनडीए ने मंत्री पद देकर साफ तौर पर इस सामाजिक समूह को महत्व दिया है.
यह कदम बिहार की राजनीति के सामाजिक न्याय मॉडल को मजबूत करने वाला माना जा रहा है.
नई मंत्रालय सूची से पता चलता है कि इस बार एन.डी.ए.:
- बीजेपी को बड़ी हिस्सेदारी देकर संगठनात्मक मजबूती का संदेश दिया
- जातीय आधार को ध्यान में रखा गया
- दलित और पिछड़े वर्ग को प्राथमिकता दी गई
- महिलाओं और युवाओं को शामिल कर राजनीतिक संतुलन बनाया
- सहयोगियों को सम्मानजनक प्रतिनिधित्व दिया
अब नीतीश कुमार के नेतृत्व में गठबंधन सरकार बिहार के विकास, प्रशासनिक स्थिरता और राजनीतिक संतुलन की दिशा में आगे बढ़ेगी.
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