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Thursday, November 20, 2025
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आधार घोटाला: झारखंड में 75 करोड़ रुपये का ‘आधार घोटाला’, 2 साल तक स्कूली छात्रों से वसूली, बीजेपी का सनसनीखेज आरोप


आधार घोटाला: झारखंड में 75 करोड़ रुपये का ‘आधार कार्ड घोटाला’ हुआ है. सरकार 2 साल से स्कूली छात्रों से अवैध तरीके से पैसा वसूल रही है. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के प्रवक्ता अजय साह ने गुरुवार को सरकार पर ये सनसनीखेज आरोप लगाए. राजधानी रांची स्थित बीजेपी मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अजय शाह ने शिक्षा विभाग पर गंभीर अनियमितता और भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है.

झारखंड में आधार घोटाला: झारखंड में चौतरफा लूट मची हुई है

अजय साह ने कहा कि झारखंड में चौतरफा लूट मची है. यह सरकार स्कूली बच्चों को भी लूट रही है. प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि पिछले दो साल में शिक्षा विभाग और एमकेएस इंटरप्राइजेज की मिलीभगत से आधार कार्ड बनाने से जुड़ा करीब 75 करोड़ रुपये का बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है.

छात्रों को आधार नामांकन या अपडेट के लिए नहीं देना होगा पैसा-अजय साह

बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि मार्च 2023 में स्कूली बच्चों के नए आधार नामांकन और बायोमेट्रिक अपडेट के लिए शिक्षा विभाग के अधीन काम करने वाली जेईपीसी द्वारा एजेंसी चयन के लिए टेंडर जारी किया गया था. इसमें एमकेएस इंटरप्राइज को नियुक्त किया गया। अजय साह ने कहा कि टेंडर की मूल प्रति, एजेंसी को जारी कार्य आदेश, जेईपीसी निदेशक के 3 आधिकारिक पत्र और सूचना का अधिकार अधिनियम (आरटीआई) से प्राप्त जानकारी से यह स्पष्ट होता है कि छात्रों को आधार नामांकन या बायोमेट्रिक अपडेट के लिए कोई शुल्क नहीं देना होगा।

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अजय साह ने कहा- 250 प्रखंड संसाधन केंद्रों से प्रतिदिन 2000 रुपये की वसूली हो रही है.

उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा जेईपीसी को प्रति छात्र 50 रुपये का भुगतान किया जाना था. यह रकम एजेंसी को देनी थी. इसके विपरीत, जेईपीसी के संरक्षण में एमकेएस एंटरप्राइज ने पिछले 2 वर्षों में छात्रों से भारी वसूली की। कागजात दिखाते हुए अजय साह ने कहा कि 250 प्रखंड संसाधन केंद्रों से प्रतिदिन औसतन 2000 रुपये की वसूली होती है. इस आधार पर छात्रों से करीब 36 करोड़ रुपये की अवैध वसूली की गयी.

500 आधार सुपरवाइजरों से 2.5 करोड़ रुपये की वसूली का आरोप

अजय साह ने कहा कि लगभग इतनी ही राशि आधार नामांकन के नाम पर केंद्र सरकार से ली गयी. एजेंसी ने राज्य भर में लगभग 500 ‘आधार पर्यवेक्षकों’ से ‘सुरक्षा धन’ के नाम पर लगभग 2.5 करोड़ रुपये एकत्र किए। इन सभी आंकड़ों को जोड़कर घोटाले (Aadhaar Scam) की कुल रकम करीब 75 करोड़ रुपये पहुंचती है.

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साथ ही आधार पर्यवेक्षकों के शोषण का भी आरोप लगाया

उन्होंने आरोप लगाया कि जेईपीसी और एजेंसी की मिलीभगत सिर्फ अवैध वसूली तक ही सीमित नहीं है. आधार पर्यवेक्षकों का भी शोषण किया गया. नौकरी दिलाने के नाम पर पहले 50-50 हजार रुपये लिये गये. जब सुपरवाइजरों ने बकाया वेतन की मांग की तो उन्हें लाखों का जुर्माना लगाने की धमकी दी गयी. बीजेपी नेता ने आरोप लगाया कि एमकेएस एंटरप्राइज बिहार और बंगाल में भी फर्जी आधार कार्ड बनाने में शामिल है. बीजेपी नेता ने कहा कि यह मामला करोड़ों रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग से भी जुड़ा है. इसकी जांच जरूरी है.

जेईपीसी की भूमिका की जांच, एमकेएस एंटरप्राइज को ब्लैकलिस्ट करने की मांग

अजय साह ने कहा कि भाजपा इस पूरे प्रकरण की उच्चस्तरीय जांच, जेईपीसी की भूमिका की स्वतंत्र जांच और एमकेएस इंटरप्राइजेज को तत्काल काली सूची में डालने की मांग करती है. इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में युवा मोर्चा के मीडिया प्रभारी प्रिंस कुमार भी मौजूद थे.

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