लोकजनता: भारत में नागरिकों की डेटा सुरक्षा को लेकर चिंताओं के बीच आधार कार्ड को नए तरीके से डिजाइन करने का विचार सामने आया है। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ऐसा आधार कार्ड तैयार करने में जुटा है, जिसमें संबंधित व्यक्ति का फोटो और क्यूआर कोड होगा- इसमें नाम, पता, आधार नंबर और जन्मतिथि नजर नहीं आएगी. आधार डेटा की सुरक्षा और गोपनीयता को लेकर ये कदम उठाए जा रहे हैं.
यूआईडीएआई के सीईओ भुवनेश कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि आधार कार्ड की फोटो कॉपी के दुरुपयोग को रोकने के लिए कुछ महत्वपूर्ण और सार्थक कदम उठाए जा रहे हैं। भविष्य में आधार कार्ड की कॉपी जमा करने पर भी कार्डधारक की जानकारी नहीं खोई जाएगी।
आमतौर पर देखा जाता है कि सिम कार्ड खरीदते समय, होटल में कमरा बुक करते समय या किसी कॉन्फ्रेंस में शामिल होते समय आधार की फोटो कॉपी मांगी जाती है। बाद में पता चला कि आधार डेटा का इस्तेमाल कहीं और किया गया था. इसीलिए आधार के नए डिजाइन नियम को 2025 के अंत तक लागू करने की तैयारी है.
UIDAI एक मोबाइल ऐप भी लॉन्च करने जा रहा है. इससे आधार कार्ड धारक अपनी पहचान डिजिटल फॉर्मेट में ही साझा कर सकेंगे- उन्हें अलग से फोटोकॉपी देने की जरूरत नहीं होगी. इससे डेटा सुरक्षा काफी कड़ी हो जाएगी और कार्ड धारक सिर्फ उतनी ही जानकारी साझा कर पाएंगे जितनी जरूरी है।
नए आधार में क्या होगा…
नए डिजाइन के आधार कार्ड पर कार्ड धारक की फोटो होगी और एक क्यूआर कोड भी हो सकता है। संभव है कि नाम भी दर्ज हो जाए, लेकिन आधार नंबर गोपनीय रहेगा. इसे पहले की तरह कार्ड पर अंकों में नहीं दिखाया जाएगा. क्यूआर कोड को ऐप या यूआईडीएआई द्वारा प्रमाणित टूल के माध्यम से स्कैन किया जा सकता है, जिसके माध्यम से विवरण ऑनलाइन सत्यापित किया जाएगा। इस तरह भविष्य में आधार की फोटोकॉपी देने की जरूरत नहीं पड़ेगी.



