दिल्ली। वीडियो स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म यूट्यूब ने भारत की रचनात्मक अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए साझेदारी और सुरक्षा सुविधाओं के साथ नए एआई-आधारित टूल पेश किए हैं। इस सप्ताह की शुरुआत में वार्षिक ‘यूट्यूब इम्पैक्ट’ शिखर सम्मेलन में, कंपनी ने ऑक्सफोर्ड इकोनॉमिक्स की एक रिपोर्ट का भी हवाला दिया, जिसमें पता चला कि यूट्यूब के रचनात्मक पारिस्थितिकी तंत्र ने पिछले साल भारत की जीडीपी में 16,000 करोड़ रुपये से अधिक का योगदान दिया।
यह भी दावा किया गया कि YouTube ने 9.3 लाख से अधिक पूर्णकालिक समकक्ष नौकरियों का समर्थन किया। एक बयान के मुताबिक, यूट्यूब ने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ क्रिएटिव टेक्नोलॉजी (आईआईसीटी) और ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एम्स) के साथ साझेदारी की है। इसने रचनात्मकता को उजागर करने और भारतीयों को विश्वसनीय जानकारी से जोड़ने के लिए डिज़ाइन किए गए नए एआई-आधारित टूल भी पेश किए हैं।
भारत में यूट्यूब के प्रबंध निदेशक गुंजन सोनी ने कहा कि इस प्लेटफॉर्म का प्रभाव सिर्फ वीडियो देखने तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह आजीविका और साझा आर्थिक विकास से भी जुड़ा है। बयान में कंपनी ने कहा, “हमारे कमाई करने वाले 63 प्रतिशत ‘निर्माता’ इस बात से सहमत हैं कि यूट्यूब उनकी आय का प्राथमिक स्रोत है।” हमारी भूमिका इस सफलता के लिए बुनियादी ढांचा प्रदान करना है। इसीलिए हम रणनीतिक साझेदारी बना रहे हैं और नए एआई उपकरण पेश कर रहे हैं जो उद्यमियों की अगली पीढ़ी को सशक्त बनाते हैं।



