साल 2026 में कुल चार ग्रहण लगेंगे, जिनमें दो सूर्य ग्रहण और दो चंद्र ग्रहण शामिल हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ग्रहण का सूतक काल और इस दौरान किए जाने वाले कार्यों का विशेष महत्व होता है। ऐसे में जानिए साल 2026 के पहले सूर्य और चंद्र ग्रहण की तारीख, सूतक काल की मान्यता और क्या करें और क्या न करें।
प्रकाशित तिथि: गुरु, 20 नवंबर 2025 03:21:44 अपराह्न (IST)
अद्यतन दिनांक: गुरु, 20 नवंबर 2025 03:21:44 अपराह्न (IST)
पर प्रकाश डाला गया
- साल 2026 में कुल चार ग्रहण लगेंगे।
- सूतक काल के दौरान कई सावधानियां बरतनी जरूरी होती हैं.
- गर्भवती महिलाओं के लिए विशेष निर्देश.
धर्म डेस्क: साल 2026 में कुल चार ग्रहण (Grahan 2026 Date) लगने वाले हैं, जिनमें दो सूर्य ग्रहण और दो चंद्र ग्रहण शामिल हैं. धार्मिक दृष्टि से ग्रहण का विशेष महत्व माना जाता है, क्योंकि सूतक काल और ग्रहण काल के दौरान कई नियमों का पालन करना जरूरी होता है। खासकर गर्भवती महिलाओं को इस दौरान बेहद सावधान रहना चाहिए। इसलिए नए साल की शुरुआत से पहले यह जानना जरूरी है कि 2026 का पहला सूर्य और चंद्र ग्रहण कब लगेगा और इस समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
2026 में सूर्य ग्रहण कब होगा? (सूर्य ग्रहण 2026 दिनांक)
साल 2026 का पहला सूर्य ग्रहण 17 फरवरी को लगेगा. यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा इसलिए इसका सूतक काल भारत में मान्य नहीं होगा। चूँकि यह दिखाई नहीं देगा इसलिए धार्मिक नियमों का पालन करने की कोई बाध्यता नहीं है।
2026 में चंद्र ग्रहण कब होगा? (चंद्र ग्रहण 2026 तिथि)
नए साल का पहला चंद्र ग्रहण 3 मार्च 2026 को लगेगा। यह चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई देगा, इसलिए इसका सूतक काल मान्य होगा। खास बात यह है कि इसी दिन होली का त्योहार भी पड़ रहा है, ऐसे में धार्मिक सतर्कता और भी महत्वपूर्ण हो जाती है.
ग्रहण के दौरान क्या करें? (ग्रहण 2026 डॉस)
- भगवान का नाम जपें.
- ग्रहण समाप्त होने के बाद स्नान करें.
- यह समय ध्यान, पूजा और मंत्र के लिए शुभ माना जाता है।
- हनुमान चालीसा, गायत्री मंत्र या महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें।
- गरीबों को भोजन, कपड़े या पैसे का दान करें।
- घर में गंगाजल छिड़कें।
- भोजन और पानी में तुलसी दल या कुशा मिलाएं, जिससे ग्रहण की नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव कम हो जाए।
ग्रहण के दौरान क्या न करें? (ग्रहण 2026 न करें)
- गर्भवती महिलाओं को नुकीली वस्तुओं से दूर रहना चाहिए।
- सूतक काल से लेकर ग्रहण समाप्त होने तक खाना बनाने या खाने से बचें।
- मंदिर में स्थापित देवी-देवताओं की मूर्तियों को न छुएं।
- कोई भी शुभ या मांगलिक कार्य प्रारंभ न करें।
- गर्भवती महिलाएं घर से बाहर न निकलें।
- इस दौरान मंदिरों के दरवाजे बंद रखे जाते हैं, इसलिए पूजा स्थगित रहती है।
- तामसिक भोजन और नकारात्मक गतिविधियों से दूरी बनाए रखें।
ग्रहण के दौरान सावधानी बरतना और धार्मिक नियमों का पालन करना न केवल आध्यात्मिक रूप से आवश्यक माना जाता है, बल्कि मानसिक शांति और सकारात्मकता बनाए रखने में भी सहायक होता है। साल 2026 में पड़ने वाले ये ग्रहण धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण होंगे, इसलिए इनके सूतक काल और नियमों को समझना बहुत जरूरी है।
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