मुजफ्फरपुर/पटना.
इस बार बिहार की चुनावी राजनीति में औराई विधानसभा सीट सबसे ज्यादा सुर्खियों में रही. यहां भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के उम्मीदवार हैं रमा निषाद ऐतिहासिक जीत दर्ज करते हुए विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के उम्मीदवार भोगेन्द्र सहनी के करीब 57 हजार वोट से हराया. ये अंतर इतना बड़ा है कि रामा निषाद राज्य में सबसे ज्यादा अंतर से जीतने वाले विधायक में शामिल कर लिया गया है. उनकी भारी जीत के बाद. नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली नई सरकार के संभावित मंत्री के रूप में देखा जाने लगा है.
● राजनीतिक विरासत से संघर्ष तक- रमा निषाद का सफर
रमा निषाद न सिर्फ चुनाव में विजयी उम्मीदवार हैं बल्कि बिहार की राजनीति में एक मजबूत पहचान रखने वाली नेता भी हैं.
वह मुजफ्फरपुर के पूर्व सांसद हैं. अजय निषाद बिहार के दिग्गज नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री की पत्नी कैप्टन जय नारायण निषाद की बहू है. राजनीतिक परिवार से जुड़े होने के बावजूद रामा निषाद ने अपनी कड़ी मेहनत और कार्यशैली से एक सक्रिय और जमीनी नेता के रूप में अपनी छवि बनाई है।
चुनाव प्रचार के दौरान मंच पर रमा निषाद को माला पहनाकर नीतीश कुमार सम्मानित करते हुए. ये भी उनकी बढ़ती लोकप्रियता का संकेत था. इसके बाद से ही उनके मंत्री पद को लेकर चर्चाएं तेज हो गई थीं.
● टिकट कटने से विवाद खड़ा हुआ, फिर भी जीत ऐतिहासिक बनी
औराई सीट पर इस बार बीजेपी ने निवर्तमान विधायक और पूर्व मंत्री को टिकट देकर बड़ा दांव खेला है. राम सूरत राय टिकट काटकर रामा निषाद को मैदान में उतारा गया.
इस फैसले से एक समय स्थानीय स्तर पर असहमति और नाराजगी पैदा हो गई थी, लेकिन पार्टी आलाकमान के हस्तक्षेप के बाद स्थिति सुलझ गई.
उनके पति अजय निषाद की राजनीतिक गतिविधियों ने भी इस सीट को चर्चा में ला दिया. 2024 के लोकसभा चुनाव में टिकट नहीं मिलने पर अजय निषाद ने बीजेपी छोड़ कांग्रेस का दामन थाम लिया. उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा, लेकिन हार का सामना करना पड़ा।
विधानसभा चुनाव से ठीक पहले उन्होंने बीजेपी में वापसी की और रमा निषाद के टिकट पर जोरदार समर्थन दिया.
● राजनीति में गहरी पैठ
रमा निषाद का राजनीतिक अनुभव काफी लंबा रहा है.
वे पांच बार लोकसभा सांसद वह समय-समय पर विभिन्न राजनीतिक दलों के साथ रह चुकी हैं और काम कर चुकी हैं।
उन्होंने लालू प्रसाद यादव से लेकर नीतीश कुमार तक कई दिग्गज नेताओं के साथ काम करके अपने राजनीतिक सफर को आगे बढ़ाया है।
हाजीपुर नगर परिषद के अध्यक्ष के रूप में उनका प्रशासनिक अनुभव भी काफी चर्चा में रहा है.
उनकी छवि सिर्फ एक सफल नेता तक ही सीमित नहीं है, बल्कि वह अपनी पारिवारिक जिम्मेदारियों के कारण एक “आदर्श पत्नी” और “आदर्श बहू” के रूप में भी पहचानी जाती हैं।
● सामाजिक समीकरण भी इन्हें मजबूत दावेदार बनाते हैं
रमा निषाद समुद्री यात्रा समाज जो बिहार की राजनीति में एक महत्वपूर्ण सामाजिक समूह है.
सामाजिक समीकरणों पर आधारित नीतीश कुमार की राजनीति में इस समाज का काफी महत्व है.
ऐसे में मंत्री पद के लिए रमा निषाद की दावेदारी और भी मजबूत मानी जा रही है.
पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं इतने बड़े अंतर से जीतोयह उनके राजनीतिक कौशल और जनता के विश्वास को दर्शाता है।
● नई सरकार में मंत्री पद की संभावनाएं बढ़ीं
उनकी जीत ने यह साफ संदेश दे दिया है
बिहार की राजनीति में अनुभव, जनसंपर्क, लोकप्रियता और मजबूत सामाजिक आधार का मेल ही सफलता की राह तय करता है.
उनके बढ़ते राजनीतिक प्रभाव और उनके परिवार की सक्रियता को देखते हुए माना जा रहा है कि रमा निषाद को नई सरकार के मंत्रिमंडल में अहम जिम्मेदारी मिल सकती है.
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