आरा/पटना —बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों में सबसे ज्यादा चर्चा भोजपुर जिले की है। आरा विधानसभा सीट एक बार फिर वह राष्ट्रीय राजनीति में सुर्खियों में आ गई हैं. बीजेपी उम्मीदवार संजय सिंह टाइगर इस सीट पर रिकॉर्ड बहुमत से जीत हासिल की है. अंतिम नतीजों के मुताबिक संजय सिंह 94,201 वोट हासिल किया, जबकि सीपीआई-एमएल के कय्यूमुद्दीन अंसारी ने 19,581 वोट के साथ दूसरे स्थान पर रहे। जन सुराज पार्टी के डॉ विजय कुमार गुप्ता तीसरे स्थान पर रहे. इतने बड़े अंतर से मिली जीत ने भोजपुर में बीजेपी की पकड़ और मजबूत कर दी है.
पहले दौर के चुनाव से ही संजय सिंह के पक्ष में स्पष्ट जनसमर्थन दिखने लगा था. लोगों ने उन्हें विकास, सुरक्षा और स्थानीय समस्याओं के समाधान के लिए एक विश्वसनीय विकल्प माना, जिसके परिणामस्वरूप उनकी अभूतपूर्व जीत हुई।
1974 में अमराई गांव में जन्मे, परिवार से मिली राजनीतिक जमीन
संजय सिंह टाइगर का जन्म 1974 में भोजपुर जिले के बिहिया के पास हुआ था. अमराई गांव में हुआ। उनके पिता माधव सिंह एक सम्मानित किसान परिवार से आते हैं। शिक्षा की बात करें तो उन्होंने 1993 में पटना यूनिवर्सिटी से पढ़ाई शुरू की। एएन कॉलेज से कला स्नातक की डिग्री हासिल की।
उनके परिवार का राजनीतिक आधार मजबूत रहा है. उसका बड़ा भाई धर्मपाल सिंह शाहपुर विधानसभा से दो बार विधायक रह चुके हैं. इस राजनीतिक माहौल ने संजय सिंह को बचपन से ही जन सरोकारों और राजनीति की समझ दी।
2010 में विधायक बने, बीजेपी प्रवक्ता और मजबूत संगठनकर्ता
संजय सिंह टाइगर का राजनीतिक सफर 2010 में एक नई दिशा में आगे बढ़ा संदेश विधानसभा क्षेत्र विधान सभा के सदस्य चुने गये। 2010-2015 तक वह क्षेत्र के विकास, सड़क, शिक्षा और किसानों के मुद्दों पर सक्रिय रहे।
फिलहाल वह बीजेपी बिहार इकाई के सदस्य हैं. प्रदेश प्रवक्ता भी अहम भूमिका निभा रहे हैं. पूरे बिहार में उनकी पहचान एक तेजतर्रार वक्ता और जमीनी नेता के रूप में है।
आरा से भारी जीत ने खोले सत्ता के दरवाजे, बने मंत्री
आरा विधानसभा से इस बड़ी जीत ने राज्य सरकार में उनका रास्ता साफ कर दिया. एनडीए की सरकार बनने के तुरंत बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उन्हें अपने मंत्रिमंडल में शामिल किया है.
संजय सिंह ने आज मंत्री पद की शपथ ली और नई सरकार की 20 सदस्यीय टीम में दमदार एंट्री की.
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि भोजपुर जिले में बीजेपी को मजबूत करने में संजय सिंह की अहम भूमिका है. उनकी जीत से न सिर्फ पार्टी का मनोबल बढ़ा है बल्कि यह भी पता चलता है कि जनता ने उनके काम और नेतृत्व क्षमता पर भरोसा जताया है.
लोकप्रिय और जमीनी स्तर के नेता
आरा और भोजपुर में संजय सिंह टाइगर की पहचान एक ऐसे नेता के रूप में है जो हमेशा लोगों के बीच रहते हैं.
- सामाजिक घटना
- युवाओं के साथ संचार
- शिक्षा, स्वास्थ्य और सड़क जैसे मुद्दों पर सक्रियता
- बुजुर्गों और किसानों से लगातार मुलाकात
इन सबने उन्हें एक लोकप्रिय जन नेता के रूप में स्थापित किया है। उनकी जीत में स्थानीय संपर्क, संगठन क्षमता और सार्वजनिक मुद्दों के प्रति संवेदनशीलता का बड़ा योगदान माना जाता है।
अब बड़ी जिम्मेदारियां और जनता की उम्मीदें
अब मंत्री बनने के बाद संजय सिंह टाइगर के सामने नई चुनौतियां और बड़ी जिम्मेदारियां हैं. आरा और भोजपुर इलाके में लोगों ने उनसे पूछा-
- शिक्षा प्रणाली में सुधार
- स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार
- सड़कें एवं ग्रामीण विकास
- बेरोजगारी और औद्योगिक विकास
-इन मुद्दों पर तेजी से काम होने की उम्मीद:
निश्चित तौर पर आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि संजय सिंह टाइगर बिहार की नई राजनीति में अपनी भूमिका कैसे मजबूत करते हैं.
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