यह राष्ट्रीय अभियान फेडरेशन ऑफ ऑब्स्टेट्रिक्स एंड गायनेकोलॉजी सोसाइटी ऑफ इंडिया (FOGSI) के मार्गदर्शन में देश के प्रत्येक जिला स्तरीय सोसायटी द्वारा चलाया जा रहा है। कार्यक्रम की अध्यक्षता डीएसओजी अध्यक्ष डॉ. कोमल सिंह एवं सचिव डॉ. रीना बरनवाल ने संयुक्त रूप से की। महिलाओं के स्वास्थ्य संवर्धन, सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम और नियमित जांच के महत्व पर चर्चा की गई। डॉक्टरों ने बताया कि भारत में महिलाओं में होने वाले कैंसर में सर्वाइकल कैंसर शीर्ष पर है। समय पर जांच और जागरूकता से इसे रोका जा सकता है। कार्यक्रम को सफल बनाने में केंदुआडीह स्वास्थ्य केंद्र की प्रभारी डॉ. अनिता चौधरी, डीएसओजी की डॉ. प्रतिभा रॉय, डॉ. कविता प्रिया, डॉ. संचिता मंडल, डॉ. सीमा साहू, डॉ. नीलम बाला, डॉ. होमा फातिमा, डॉ. विदिशा ड्रोलिया, डॉ. अर्चना कुमारी के अलावा कल्याणी डायग्नोस्टिक, लैब टेक्नीशियन साक्षी, डॉ. नंदन कुमार, जीएनएम रीना शर्मा, रीता कुमारी, रंजू कुमारी, सुरेंद्र कुमार आदि ने सराहनीय भूमिका निभाई। भूमिका.
62 महिलाओं का सर्वाइकल कैंसर परीक्षण
सेमिनार में कुल 90 मरीजों के स्वास्थ्य की जांच की गयी. इनमें से 62 महिलाओं का सर्वाइकल कैंसर (पैप स्मीयर) के लिए परीक्षण किया गया। मरीजों को सर्वाइकल कैंसर के लक्षण, इसके जोखिम कारक और बचाव से संबंधित जानकारी दी गई। आवश्यक दवाइयां भी वितरित की गईं। पैप स्मीयर परीक्षण के लिए आवश्यक किट और अन्य सामग्री सुरक्षा वैक्सीन सेंटर और कल्याणी डायग्नोस्टिक द्वारा प्रदान की गई थी।
30 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाएं पैप स्मीयर टेस्ट जरूर कराएं: डॉ. रीना
डॉ. रीना बरनवाल ने महिलाओं से नियमित स्वास्थ्य जांच कराने की अपील की। कहा कि 30 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं को वर्ष में एक बार पैप स्मीयर जांच अवश्य करानी चाहिए। इससे कैंसर के शुरुआती लक्षणों की पहचान संभव है।
अस्वीकरण: यह लोकजनता अखबार का स्वचालित समाचार फ़ीड है. इसे लोकजनता.कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है



