पटना- फुलवारीशरीफ पुलिस ने बुधवार को गुप्त सूचना के आधार पर बड़ी कार्रवाई करते हुए फरार आरोपी और एआईएमआईएम नेता को टॉप-10 अपराधियों की सूची में शामिल कर लिया. फारूक रजा उर्फ डब्लू नोहसा मोड़ से गिरफ्तार किया गया. वह 19 मई 2025 को इमारत-ए-शरिया के पास मशहूर हो गए। अनवर दिरहा नरसंहार वह मुख्य नामजद अभियुक्त था और घटना के बाद से लगातार पुलिस की पकड़ से दूर था.
एआईएमआईएम नेता फारूक रजा भी पहले राजद से जुड़े थे.
फारूक रजा का राजनीतिक सफर भी काफी चर्चा में रहा है. वह AIMIM के टिकट पर पाटलिपुत्र लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ चुके हैं. इससे पहले वह कई वर्षों तक राजद से भी जुड़े रहे थे.
हाल ही में उसके पिता मोहम्मद सलाउद्दीन का निधन हो गया था, फिर भी वह पुलिस की पकड़ में नहीं आया. पुलिस काफी समय से उसकी लोकेशन ट्रैक कर रही थी.
भूमि विक्रेता अनवर आलम उर्फ अनवर दिरहा दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई. इस मामले में पीड़ित परिवार ने कुल 15 लोगों को आरोपी बनाया था. घटना का सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया था, जिसमें अपराधियों ने घात लगाकर फायरिंग की थी.
शुरुआती कार्रवाई में शूटर और लाइनर गिरफ्तार
हत्या के तीन दिन के अंदर ही पुलिस ने शूटर और लाइनर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया.
पुलिस साजिशकर्ता की भूमिका में उन्हें पकड़ा गया, जिस पर आरोप था कि वारदात के बाद वह बीमारी का बहाना बनाकर अस्पताल में भर्ती हो गया.
लेकिन मुख्य आरोपी फारूक रजा उर्फ डब्लू तब से लेकर अब तक वह फरार चल रहा था.
गुप्त सूचना पर हुई कार्रवाई, दो मोबाइल फोन बरामद
पटना सिटी एसपी ने बताया कि मृतक के परिजनों के आवेदन पर फुलवारीशरीफ थाने में कांड संख्या 779/25 दर्ज किया गया था और तभी से पुलिस फारूक रजा की तलाश में जुटी थी.
बुधवार की सुबह जानकारी मिली कि वह नोहसा मोड़ पास घूम रहा हूँ. इस पर फुलवारीशरीफ थानाध्यक्ष मो मोहम्मद गुलाम शाहबाज़ आलम के नेतृत्व में एक छापेमारी टीम का गठन किया गया और तुरंत छापेमारी की गयी.
पुलिस ने मौके से फारूक रजा को दो मोबाइल फोन के साथ गिरफ्तार कर लिया. पूछताछ के बाद उसे न्यायिक हिरासत में भेजा जा रहा है. उसके खिलाफ फुलवारीशरीफ और गर्दनीबाग थाने में पहले से कई मामले दर्ज हैं.
गिरफ्तारी के बाद सियासी तनाव, AIMIM ने कही साजिश की बात
फारूक रजा की गिरफ्तारी की खबर फैलते ही बड़ी संख्या में लोग थाने के बाहर जमा हो गए. एआईएमआईएम नेताओं ने आरोप लगाया कि:
- यह क्रिया राजनीतिक साजिश है।
- बहुत से लोग जानबूझकर भूमि विवाद में फंसाया जा रहा है.
एआईएमआईएम नेता मोहम्मद सोनू पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है.
पुलिस अलर्ट, हो सकती हैं और गिरफ्तारियां
पुलिस का कहना है कि यह संगठित हत्या का मामला है और इसमें शामिल सभी आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
फारूक रजा की गिरफ्तारी को पुलिस बड़ी सफलता मान रही है क्योंकि वह लंबे समय से अपना ठिकाना बदल कर गिरफ्तारी से बच रहा था.
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