पटना- बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार … के नेतृत्व वाली नई एनडीए सरकार की बहुप्रतीक्षित कैबिनेट का आखिरकार खुलासा हो गया है। दसवीं बार इस बार मुख्यमंत्री बने नीतीश कुमार ने मंत्रिमंडल गठन में जातीय संतुलन, क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व, प्रशासनिक अनुभव और युवा नेतृत्व के संयोजन पर विशेष ध्यान दिया है.
शपथ ग्रहण समारोह के तुरंत बाद नई सरकार का पहला कैबिनेट विस्तार जारी किया गया, जिसमें बीजेपी, जेडीयू और सहयोगी दलों के नेता शामिल हैं. राजनीतिक विश्लेषक इस कैबिनेट को “व्यापक और संतुलित नेतृत्व टीम” बता रहे हैं, जो आने वाले वर्षों में बिहार की विकास नीति का मार्गदर्शन करेगी.
नये मंत्रिमंडल में शामिल नेताओं के नाम इस प्रकार हैं:
सम्राट चौधरी, विजय कुमार सिन्हा, विजय चौधरी, वीरेंद्र प्रसाद यादव, श्रवण कुमार, मंगल पांडे, दिलीप जयसवाल, अशोक चौधरी, लेसी सिंह, मदन सहनी, नितिन नवीन, रामकृपाल यादव, संतोष कुमार सुमन, सुनील कुमार, मोहम्मद जमा खान, संजय सिंह ‘टाइगर’, अरुण शंकर प्रसाद, सुरेंद्र मेहता, नारायण प्रसाद, रमा निषाद, लखेंद्र कुमार रोशन, श्रेयसी सिंह, प्रमोद कुमार, संजय कुमार, संजय कुमार सिंहऔर दीपक की रोशनी।।
इस सूची से पता चलता है कि एनडीए ने अपने अनुभवी नेताओं पर भरोसा बरकरार रखा है, लेकिन नई ऊर्जा लाने के लिए नए चेहरों को शामिल करने से भी परहेज नहीं किया है।
अनुभवी चेहरे स्थिरता प्रदान करेंगे
मंत्रिमंडल में शामिल मंगल पांडे, नितिन नवीन, अशोक चौधरी, श्रवण कुमार जैसे वरिष्ठ नेताओं को एक बार फिर जिम्मेदारी दी गई है. ये सभी नेता पहले ही विभिन्न विभागों का कामकाज संभाल चुके हैं और इनका अनुभव नई सरकार को स्थिरता और गति प्रदान करेगा.
युवा नेता नई सोच लाएंगे
दूसरी ओर श्रेयसी सिंह, दीपक की रोशनीऔर लखेंद्र कुमार रोशन मसलन, युवा नेताओं को शामिल कर सरकार ने साफ संदेश दिया है कि वह प्रशासन में नए विचारों, तकनीकी दृष्टिकोण और आधुनिक सोच के लिए तैयार है.
रणनीति का केंद्र उपमुख्यमंत्री होंगे
सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा उपमुख्यमंत्री के तौर पर वह सरकार की रणनीति और प्रशासनिक दिशा तय करने में अहम भूमिका निभाएंगे.
दोनों नेताओं का राजनीतिक अनुभव भाजपा संगठन और सरकार के बीच बेहतर समन्वय सुनिश्चित करेगा।
नीतीश सरकार का यह मंत्रिमंडल पूरी तरह से सामाजिक और क्षेत्रीय संतुलन को ध्यान में रखकर बनाया गया है.
- दलित, अति पिछड़ा, पिछड़ा वर्ग
- अल्पसंख्यक समुदाय
- महिला प्रतिनिधित्व
- विभिन्न जिलों एवं क्षेत्रों की भागीदारी
इन सबको ध्यान में रखते हुए एक विस्तृत ढांचा तैयार किया गया है.
महिला नेता लेसी सिंह और रमा निषाद एनडीए की उपस्थिति महिला सशक्तिकरण के प्रति एनडीए की प्रतिबद्धता को मजबूत करती है।
वहीं मोहम्मद जमा खान जैसे अल्पसंख्यक चेहरों को शामिल करना सरकार की संतुलित सामाजिक दृष्टि को दर्शाता है.
नई कैबिनेट से साफ संकेत है कि नीतीश कुमार और बीजेपी दोनों ने गठबंधन की राजनीति को प्राथमिकता दी है.
इस चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी बीजेपी को पर्याप्त प्रतिनिधित्व दिया गया है.
साथ ही जेडीयू के वरिष्ठ नेताओं को मजबूती से शामिल कर पार्टी ढांचे को संतुलित किया गया है.
सूत्रों का दावा है कि अभी कैबिनेट पूरी नहीं मानी जा रही है.
कुछ विभाग अभी भी खाली, राजनीतिक समीकरणों पर विचार:
- जल्द आ सकती है दूसरी कैबिनेट लिस्ट
- कुछ नये मंत्री शामिल होंगे
- कुछ विभागों में फेरबदल भी संभव है
यह दूसरा चरण विधानसभा के आगामी सत्र से पहले आ सकता है.
नीतीश सरकार की यह नई टीम अब बिहार के विकास, रोजगार, शिक्षा सुधार, स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार और बुनियादी ढांचे को मजबूत करने जैसे मुद्दों पर काम करेगी.
आने वाले दिनों में पूरे राज्य की निगाहें इस बात पर टिकी रहेंगी कि यह कैबिनेट बिहार को नई दिशा देने में कितनी सफल होगी.
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