आज सुबह से ही बिहार की राजनीति में हलचल तेज हो गई है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के 10वीं बार शपथ लेने से कुछ घंटे पहले भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के संभावित मंत्रियों के पास फोन आने शुरू हो गए हैं. इससे यह लगभग तय हो गया है कि इस बार पार्टी अपने कोटे से किन नये चेहरों को कैबिनेट में जगह देने का फैसला कर चुकी है.
सबसे बड़ी खबर जमुई से आ रही है – जहां बीजेपी विधायक और पूर्व अंतरराष्ट्रीय शूटर… श्रेयसी सिंह मंत्री पद की शपथ लेने का मौका मिलने वाला है. वहीं अनुभवी बीजेपी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रामकृपाल यादव इसे भी बिहार सरकार का हिस्सा बनाने की तैयारी है.
श्रेयसी सिंह ने 2020 के विधानसभा चुनाव में जमुई से बड़ी जीत दर्ज की थी और तब से वह एक युवा और मजबूत नेता के रूप में भाजपा की छवि को मजबूत कर रही हैं। खेल की दुनिया से लेकर राजनीति तक उनकी तेजी से बढ़ती पहचान को देखते हुए बी.जे.पी युवा एवं महिला नेतृत्व के प्रतीक के रूप में इसे सामने ला रहा है।
श्रेयसी सिंह को कैबिनेट में शामिल करना क्यों है अहम?
- खेलों में अंतर्राष्ट्रीय उपलब्धियाँ
- युवा प्रतिनिधित्व का प्रतीक
- जमुई जैसे पिछड़े इलाके में मजबूत पकड़
- महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ाने की बीजेपी की रणनीति का हिस्सा
सूत्रों के मुताबिक उन्हें ऐसे विभाग की जिम्मेदारी मिल सकती है जो युवा, खेल या ग्रामीण विकास हालांकि अभी विभागों की अंतिम घोषणा होनी बाकी है.
एक और बड़ा नाम है- पूर्व राज्यसभा सांसद और केंद्र में पूर्व ग्रामीण विकास राज्य मंत्री. रामकृपाल यादव का।
रामकृपाल यादव न सिर्फ एक अनुभवी नेता हैं बल्कि यादव समाज में बीजेपी की पैठ बढ़ाने में भी अहम भूमिका निभा सकते हैं.
रामकृपाल यादव को शामिल करने के राजनीतिक फायदे:
- यादव समाज में बीजेपी की पकड़ मजबूत होगी
- अनुभवी प्रशासनिक चेहरा सरकार में शामिल होगा
- संगठनात्मक स्तर पर उनके अनुभव का लाभ उठायें
- कैबिनेट में जातीय संतुलन का बेहतर प्रतिनिधित्व
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि बीजेपी इस कदम से कई सामाजिक वर्गों को लुभाने की कोशिश कर रही है.
सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी की केंद्रीय टीम ने आज सुबह से ही कई विधायकों और नेताओं को बुलाना शुरू कर दिया है.
जिनके घरों में फोन की सुविधा है समर्थकों की भीड़ इसका जमावड़ा लगना शुरू हो गया है. कार्यकर्ताओं में उत्साह साफ नजर आ रहा है.
श्रेयसी सिंह के आवास के बाहर सुबह से ही कार्यकर्ताओं और समर्थकों का जमावड़ा देखा जा रहा है. उनके घर में भी जश्न का माहौल है.
उनके पिता स्वर्गीय दिग्विजय सिंह बिहार और राष्ट्रीय राजनीति में एक प्रतिष्ठित नाम रहे हैं। ऐसे में श्रेयसी का मंत्री पद तक पहुंचना उनकी राजनीतिक विरासत का विस्तार माना जा रहा है.
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि इस बार बिहार की नई कैबिनेट के जरिए बीजेपी साफ संदेश देना चाहती है.
- युवा नेतृत्व
- महिलाओं की अधिक भागीदारी
- पिछड़े समाज में मजबूत पैठ
- अनुभवी और नये चेहरों का संतुलन
श्रेयसी सिंह और रामकृपाल यादव जैसे नाम इसी रणनीति का हिस्सा हैं.
सीएम नीतीश कुमार आज सुबह 11:30 बजे पटना के गांधी मैदान में 10वें कार्यकाल के लिए शपथ लेगा।
शपथ ग्रहण से पहले बीजेपी की तैयारियों और संभावित मंत्रियों की सूची को लेकर उत्सुकता चरम पर है.
अभी कई नाम तय होने बाकी हैं, लेकिन पार्टी कोटे से आने वाले कुछ नए चेहरों की चर्चा अभी से तेज हो गई है.
जैसे-जैसे समय नजदीक आ रहा है, पटना में राजनीतिक गतिविधियां तेज होती जा रही हैं. आज का दिन बिहार की राजनीति में कई नए समीकरण तय करने वाला साबित हो सकता है.
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