भागलपुर पुलिस को बड़ी सफलता मिली है. प्रतिबंधित कफ सिरप सप्लाई नेटवर्क का मुख्य आरोपी और पांच माह से फरार सरफराज उर्फ मोहम्मद मुस्तफिकुर को बाइपास थाना क्षेत्र से गिरफ्तार कर लिया गया है. पुलिस ने उसे सेंट टेरेसा स्कूल के पास स्थित एक चाय की दुकान से पकड़ा, जहां वह अपने परिवार के साथ बैठा था. उसकी गतिविधियों पर लंबे समय से पुलिस की गुप्त निगरानी थी।
चार महीने तक निगरानी में सरफराज कई बार बच निकलता था
पुलिस सूत्रों के मुताबिक सरफराज की गिरफ्तारी आसान नहीं थी. पिछले चार महीने से उन पर लगातार नजर रखी जा रही थी. पुलिस ने उसके कई संभावित ठिकानों पर छापेमारी की, लेकिन वह हर बार बच निकला. उसकी गिरफ्तारी के लिए एक विशेष टीम का भी गठन किया गया था, जो लगातार उसकी गतिविधियों का विश्लेषण कर रही थी.
जून में मिले सुराग, कफ सिरप की बड़ी खेप बरामद.
इस पूरे मामले का खुलासा जून महीने में हुआ था, जब पुलिस ने दोगच्छी निवासी मोहम्मद हाशिम के घर पर छापेमारी कर भारी मात्रा में प्रतिबंधित कफ सिरप बरामद किया था. गिरफ्तार हाशिम ने पूछताछ में बताया था कि यह खेप उसे पुरैनी निवासी सरफराज ने मुहैया करायी थी. सरफराज दवा की आड़ में कफ सिरप छिपाकर दुकान पर पहुंचाता था।
हाशिम के इस बयान के बाद ही पुलिस सरफराज की तलाश में जुट गई और तभी से वह फरार था.
गुप्त सूचना के आधार पर की गई घेराबंदी, चाय दुकान से हुई गिरफ्तारी
सोमवार को विधि-व्यवस्था प्रभारी नवनीत कुमार को गुप्त सूचना मिली कि सरफराज अपने परिवार के साथ बाइपास के रास्ते पुरैनी की ओर जा रहा है. सूचना मिलते ही थानाध्यक्ष प्रभात कुमार शर्मा के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया और इलाके की घेराबंदी कर दी गयी. पुलिस टीम ने मौके पर छापा मारकर सरफराज को सेंट टेरेसा स्कूल के सामने चाय की दुकान से गिरफ्तार कर लिया।
न्यायिक हिरासत में भेजा गया, पूरे नेटवर्क पर कार्रवाई तेज
थानाध्यक्ष प्रभात कुमार शर्मा ने बताया कि आरोपित को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. साथ ही प्रतिबंधित कफ सिरप की सप्लाई करने वाले पूरे नेटवर्क की पहचान की जा रही है. पुलिस ने संकेत दिया है कि जल्द ही इस रैकेट से जुड़े अन्य लोगों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी.
पुलिस का मानना है कि सरफराज की गिरफ्तारी से इस अवैध कारोबार पर बड़ी रोक लगेगी और इस नेटवर्क के कई छुपे चेहरे भी जल्द सामने आ जायेंगे.
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