यूआईडीएआई जल्द ही आधार कार्ड का नया संस्करण लाने जा रहा है, जिसमें पता, जन्मतिथि और अन्य निजी जानकारी नहीं होगी। कार्ड पर केवल फोटो और क्यूआर कोड रहेगा। इसका उद्देश्य डेटा के दुरुपयोग को रोकना और ऑफ़लाइन सत्यापन को ख़त्म करना है। जल्द ही नया आधार ऐप mAadhaar की जगह भी ले लेगा.
प्रकाशित तिथि: गुरु, 20 नवंबर 2025 08:33:07 पूर्वाह्न (IST)
अद्यतन दिनांक: गुरु, 20 नवंबर 2025 08:33:07 पूर्वाह्न (IST)
पर प्रकाश डाला गया
- आधार कार्ड से पता और DoB हटाने पर सिर्फ फोटो और QR कोड रह जाएगा.
- ऑफलाइन वेरिफिकेशन और फोटोकॉपी स्टोर करने पर रोक रहेगी.
- नया आधार ऐप डिजिटल डेटा प्रोटेक्शन एक्ट के अनुरूप होगा।
बिजनेस डेस्क. UIDAI आधार कार्ड में बड़ा बदलाव करने जा रहा है. दिसंबर से ऐसा आधार कार्ड लाने की तैयारी है जिसमें न कोई पता होगा, न जन्मतिथि और न ही कोई अन्य विवरण। कार्ड पर सिर्फ फोटो और क्यूआर कोड होगा. यूआईडीएआई के सीईओ भुवनेश कुमार ने कहा कि व्यक्तिगत डेटा के दुरुपयोग को रोकने और ऑफ़लाइन सत्यापन को समाप्त करने के लिए यह कदम उठाया जा रहा है।
यह परिवर्तन क्यों आवश्यक था?
आधार अधिनियम पहले से ही ऑफ़लाइन सत्यापन और कार्ड की फोटोकॉपी रखने पर प्रतिबंध लगाता है। इसके बावजूद कई बैंक, होटल और इवेंट ऑर्गनाइजर आधार की फोटोकॉपी स्टोर कर रहे हैं, जिससे डेटा लीक होने का खतरा बढ़ जाता है।
नए नियम आने के बाद क्यूआर कोड स्कैन और ऑनलाइन ऑथेंटिकेशन के जरिए ही पहचान हो सकेगी. भुवनेश कुमार ने कहा, “चूंकि जानकारी कार्ड पर मुद्रित होती है, इसलिए लोग इसे वास्तविक दस्तावेज़ के रूप में उपयोग करते हैं, जबकि यह गलत है।”
नया आधार ऐप जल्द ही mAadhaar की जगह लेगा
यूआईडीएआई ने सभी बड़े हितधारकों- बैंकों, होटलों, फिनटेक कंपनियों से कहा कि नया आधार ऐप जल्द ही लॉन्च किया जाएगा। इसे डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन एक्ट के अनुसार बनाया जा रहा है और 18 महीनों में इसे पूरी तरह से लागू कर दिया जाएगा।
नए ऐप की मुख्य विशेषताएं
- एड्रेस प्रूफ अपडेट
- बिना मोबाइल के परिवार के सदस्यों को जोड़ने की सुविधा
- फेस ऑथेंटिकेशन के जरिए मोबाइल नंबर अपडेट
- होटल चेक-इन, सिनेमा, इवेंट एंट्री, सोसाइटी एंट्री, छात्र सत्यापन – सभी के लिए क्यूआर आधारित आधार सत्यापन
कैसे होगा आधार वेरिफिकेशन?
- आधार धारक का QR कोड OVSE स्कैनर में दिखाई देगा।
- सिस्टम चेहरे का सत्यापन मांगेगा.
- इससे यह सुनिश्चित हो जाएगा कि आधार धारक स्वयं मौजूद है।
- जल्द ही ओवीएसई ऐप को मंजूरी मिल जाएगी, जिसके बाद तकनीकी एकीकरण शुरू हो जाएगा।
यूआईडीएआई का यह कदम आधार डेटा सुरक्षा को एक नई दिशा देगा और पहचान सत्यापन प्रक्रिया को पूरी तरह से डिजिटल बना देगा।



