अरुण कुमार यादव/न्यूज़11भारत
गढ़वा/डेस्क:- गढ़वा उपायुक्त के निर्देश पर गढ़वा समाहरणालय के सभागार में उप विकास आयुक्त पशुपतिनाथ मिश्र की अध्यक्षता में जिला परामर्शदात्री समिति एवं जिला स्तरीय द्वितीय त्रैमासिक समीक्षा बैठक आयोजित की गयी. बैठक में विभिन्न विभागों एवं बैंकों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया. डीडीसी ने बैठक में उपस्थित सभी अधिकारियों एवं बैंक प्रतिनिधियों से जिला स्तर पर चल रही योजनाओं की प्रगति की विस्तृत समीक्षा की तथा बेहतर प्रदर्शन सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिये. बैठक में जिले के वित्तीय और विकासात्मक प्रदर्शन से संबंधित कई महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तार से चर्चा की गई, जिसमें मुख्य रूप से केसीसी (किसान क्रेडिट कार्ड) वितरण की स्थिति शामिल थी और लंबित आवेदनों के त्वरित निष्पादन पर भी जोर दिया गया. सीडी रेशियो सुधारने और बैंकिंग गतिविधि भी बढ़ाने का निर्देश! एसीपी (वार्षिक ऋण योजना) की प्रगति और लक्ष्य प्राप्ति की समीक्षा, पीएमईजीपी और पीएमएफएमई योजनाओं की प्रगति, अनुमोदन और ऋण उपलब्धता, टीएफआईआईपी के तहत वित्तीय समावेशन / सामाजिक सुरक्षा योजनाओं की अद्यतन स्थिति, बीसी आउटलेट का संचालन, विशेष रूप से ग्राम पंचायत भवनों में सेवाओं की उपलब्धता, बैंक रहित ग्रामीण केंद्रों (यूआरसी) में बैंकिंग सेवाओं के विस्तार को प्राथमिकता, सरफेसी मामलों की प्रगति और त्वरित कार्रवाई पर जोर देते हुए डीडीसी पशुपतिनाथ मिश्रा ने निर्देश दिया कि सभी बैंक और संबंधित विभाग अपने-अपने क्षेत्र में काम करें। समय पर लक्ष्य प्राप्ति, सेवाओं का विस्तार और लाभार्थियों तक योजनाओं का त्वरित कार्यान्वयन सुनिश्चित करें, ताकि जिले के समग्र प्रदर्शन में सुधार हो सके। बैठक के दौरान जिला परिषद अध्यक्ष शांति देवी एवं डीडीसी पशुपतिनाथ मिश्र द्वारा प्रतीकात्मक रूप से प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाई) के तहत 8 लाभुकों को चेक वितरित किया गया. इसने लाभार्थी परिवारों को सामाजिक सुरक्षा और आर्थिक सहायता प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम सुनिश्चित किया। डीडीसी ने कहा कि सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ पात्र व्यक्तियों तक समय पर पहुंचे यह जिला प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। डीडीसी ने सभी विभागों एवं बैंक अधिकारियों से ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिंग सेवाओं की पहुंच बढ़ाने की अपेक्षा की ताकि सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का शत-प्रतिशत कवरेज प्राप्त किया जा सके। उद्यमिता को भी प्रोत्साहित किया जाना चाहिए और वित्तीय समावेशन के लक्ष्यों को निर्धारित समय सीमा के भीतर हासिल किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, “जिले का प्रदर्शन तभी उत्कृष्ट माना जाएगा जब लाभार्थियों को योजनाओं का वास्तविक लाभ समय पर मिले और सेवा वितरण की गुणवत्ता में सुधार होता रहे।”
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