भारतीय घरों में रसोई को हमेशा समृद्धि, स्वास्थ्य और सकारात्मकता का प्रतीक माना जाता है। लेकिन अक्सर साफ-सफाई और व्यवस्था बनाए रखने के चक्कर में लोग कुछ गलतियां कर बैठते हैं जिसका सीधा असर परिवार की खुशहाली पर पड़ता है। सबसे आम गलती रसोई के सिंक में सामान भरना है। यह वह स्थान है जिसे लोग भंडारण मानते हैं, जबकि वास्तु शास्त्र के अनुसार, यह स्थान बहुत संवेदनशील है, खासकर क्योंकि यह जल तत्व से जुड़ा है।
विशेषज्ञों का कहना है कि सिंक के नीचे रखी कुछ चीजें घर की ऊर्जा को खराब करने के साथ-साथ आर्थिक परेशानियां, अनावश्यक खर्च, मानसिक तनाव और रिश्तों में खटास ला सकती हैं। ज्योतिष और वास्तु दोनों ही मानते हैं कि रसोई में ऊर्जा का प्रवाह बहुत सूक्ष्म होता है और गलत जगह पर गलत चीजें रखने से पूरे परिवार पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। आइए विस्तार से समझें कि सिंक के नीचे कौन सी चीजें नहीं रखनी चाहिए और क्यों।
किचन सिंक और वास्तु
वास्तु के अनुसार किचन सिंक जल तत्व का प्रतिनिधित्व करता है। जल तत्व जीवन, समृद्धि और मानसिक संतुलन का कारक है। जिस घर में जल तत्व असंतुलित होता है, वहां अक्सर आर्थिक बाधाएं, तनाव, रिश्तों में दूरियां और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं देखने को मिलती हैं। वास्तु विशेषज्ञ पंडित रमेश भोजराज द्विवेदी का कहना है कि सिंक वह स्थान है जहां से गंदा पानी निकलता है, इसलिए यहां पहले से ही नकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। ऐसे में अगर यहां गलत चीजें रखी जाएं तो यह नकारात्मकता कई गुना बढ़ जाती है।
किचन सिंक के नीचे कूड़ेदान रखना क्यों माना जाता है बड़ा वास्तु दोष?
कई लोग किचन को साफ-सुथरा दिखाने या जगह बचाने के लिए सिंक के नीचे कूड़ादान रखते हैं। लेकिन यह आदत वास्तु की दृष्टि से बहुत अशुभ मानी जाती है। वास्तु के अनुसार कूड़ादान स्वयं नकारात्मकता, गंदगी और बीमारियों को आकर्षित करता है। किचन सिंक जल तत्व का स्थान है, जहां वरुण देव का वास माना जाता है। वरुण देव के स्थान के नीचे कूड़ादान रखना उनका अनादर माना जाता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसा करने से घर में अचानक खर्चे बढ़ जाते हैं, आर्थिक स्थिरता प्रभावित होती है, परिवार के सदस्यों में चिड़चिड़ापन बढ़ता है, मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित होता है, सिंक नाली से आने वाली नकारात्मक ऊर्जा और कूड़ेदान से निकलने वाली गंदगी मिलकर बड़े वास्तु दोष का कारण बनती है।
सिंक के नीचे झाड़ू रखना गलत क्यों है?
ज्यादातर घरों में झाड़ू को छुपाकर रखने के लिए उसे सिंक के नीचे रखा जाता है, जबकि वास्तु के अनुसार यह एक बड़ी गलती है। झाड़ू पृथ्वी तत्व का प्रतीक है और सींक जल तत्व का प्रतीक है। दोनों एक दूसरे के विपरीत हैं. वास्तु शास्त्र में पृथ्वी और जल को एक दूसरे के विपरीत तत्व माना गया है। झाड़ू नकारात्मक ऊर्जा को बाहर निकालने का प्रतीक है। और सिंक का स्थान जल प्रवाह और शुद्धता से जुड़ा है। जब झाड़ू और पानी इन दो विपरीत तत्वों को एक साथ रखा जाता है तो घर में ऊर्जा संतुलन बिगड़ जाता है। इससे घर में लगातार नकारात्मकता का प्रवेश, परिवार में कलह, कार्यों में बाधा, आर्थिक हानि, दुर्भाग्य में वृद्धि हो सकती है। वास्तु में झाड़ू को हमेशा छिपाकर लेकिन शुभ दिशा में रखने की सलाह दी जाती है।
सिंक के नीचे खाली बर्तन रखने से राहु दोष बढ़ता है।
वास्तु में झूठे बर्तनों को अशुद्धता और बीमारियों का प्रतीक माना जाता है। कई लोग सिंक भर जाने पर उसके नीचे खाली बर्तन रखने लगते हैं, जो राहु दोष को बढ़ाने वाला माना जाता है।
यह इतना अशुभ क्यों है?
गंदे बर्तन बैक्टीरिया, दुर्गंध और नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करते हैं, सिंक के नीचे गंदगी जमा होने से रसोई की सकारात्मक ऊर्जा अवरुद्ध हो जाती है, स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ती हैं, घर में वाद-विवाद, तनाव और बेचैनी बढ़ती है।
मन की शांति ख़त्म हो जाती है
विशेषज्ञों का कहना है कि रात के समय कभी भी खाली बर्तन नहीं छोड़ना चाहिए, क्योंकि रात को राहु का समय माना जाता है और इससे नकारात्मकता तेजी से बढ़ती है।
किचन सिंक के आसपास की गलतियाँ आपकी ऊर्जा और भाग्य को कैसे प्रभावित करती हैं?
सिंक के नीचे या आसपास गलत चीजें रखने से घर का ऊर्जा चक्र बाधित होता है। वास्तु में रसोई को वह स्थान माना जाता है जहां से घर की आर्थिक ऊर्जा आती है, स्वास्थ्य ऊर्जा का संचार होता है और मानसिक संतुलन बनता है इसलिए यहां छोटी सी गलती भी बड़ा असर डाल सकती है। इसके दुष्प्रभाव ग्रहों में असंतुलन, आर्थिक हानि या अनावश्यक खर्च, तनाव और अवसाद, परिवार में झगड़े, व्यापार में रुकावट, बच्चों के स्वास्थ्य पर प्रभाव, विशेषकर महिलाओं के लिए अशुभ के रूप में देखे जाते हैं। घर का ऊर्जा चक्र जितना संतुलित होता है, घर उतना ही समृद्ध होता है।
तो किचन सिंक के नीचे क्या रखा जा सकता है?
वास्तु विशेषज्ञों के अनुसार सिंक के नीचे केवल वही चीजें रखें जो साफ हों, सूखी हों, जिनमें सकारात्मक या तटस्थ ऊर्जा हो जैसे बर्तन धोने का तरल पदार्थ, साफ कपड़ा, प्लास्टिक का कंटेनर, पानी की पाइपलाइन से जुड़े छोटे उपकरण, वहां कभी भी कूड़ेदान, झाड़ू, टूटे बर्तन, टूटी चीजें, सूखे फूल या गंदगी न रखें।



