पटना: बिहार की राजनीति में एक बार फिर से हलचल मच गई है नीतीश कुमार का असर साफ तौर पर सामने आया है. एनडीए विधायक दल की अहम बैठक में उन्हें सर्वसम्मति से गठबंधन का नेता चुना गया. इसके तुरंत बाद बुधवार दोपहर को राजभवन के लिए रवाना जहां वह मौजूदा मुख्यमंत्री पद से अपना इस्तीफा सौंपेंगे और नई सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे. इस्तीफा देने के बाद भी वह कार्यवाहक मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी संभालते रहेंगे.
गुरुवार सुबह 11 बजे गांधी मैदान, पटना नीतीश कुमार एक बार फिर मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. यह उनका 10वां शपथ ग्रहण होगा, जिसे लेकर पूरे बिहार में सियासी पारा चरम पर है.
एनडीए विधायक दल की बैठक में ‘सर्वसम्मति से समर्थन’- नीतीश बने नेता
बिहार विधानसभा के सेंट्रल हॉल में हुई बैठक में बीजेपी, जेडीयू, हम, वीआईपी समेत अन्य सहयोगी दलों की बैठक हुई. 202 विधायक सर्वसम्मति से नीतीश कुमार के नेतृत्व पर मुहर लगाई गई.
बैठक में-
- भाजपा,
- जदयू,
- एलजेपी (रामविलास),
- हम और अन्य सहयोगी
राज्य के वरिष्ठ नेताओं ने नीतीश कुमार के अनुभव, प्रशासनिक क्षमता और स्थिर नेतृत्व को राज्य के लिए जरूरी बताया.
बैठक खत्म होते ही सभी नेता एकजुटता दिखाते हुए राजभवन के लिए रवाना हो गए.
राजभवन में इस्तीफा और सरकार बनाने का दावा
एनडीए के शीर्ष नेता-
- जेडीयू अध्यक्ष
- बीजेपी विधायक दल के नेता
- सम्राट चौधरी
- विजय कुमार सिन्हा
- चिराग पासवान
- हम और वीआईपी समूह के प्रतिनिधि
नीतीश कुमार के साथ राजभवन पहुंचे.
यहाँ वे-
- मौजूदा मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे देंगे
- राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान को नई सरकार बनाने के लिए समर्थन पत्र सौंपेंगे.
- औपचारिक रूप से सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे
राजभवन के बाहर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई. अधिकारियों की टीमें पूरी घटना पर नजर बनाए हुए थीं.
नई सरकार में होंगे बड़े बदलाव, नए चेहरों की एंट्री संभव
सूत्रों के मुताबिक-
- नई सरकार में कैबिनेट के कई चेहरों में बदलाव संभव है.
- एनडीए के पास जो बड़ा बहुमत है उसे देखते हुए
- विभागों के नये समीकरण
- नई प्राथमिकताएँ
- तीव्र प्रशासनिक सुधार योजनाएँ
निर्णय लिया जाएगा
एनडीए की अगली बैठक में विकास योजनाओं की गति बढ़ाने और कानून-व्यवस्था को मजबूत करने के लिए विशेष रणनीति बनायी जायेगी.
नीतीश ने विधायकों से कहा, ”बिहार ने हम पर भरोसा जताया है, हमें एकजुट होकर काम करना होगा.”
विधायक दल की बैठक में बोले नीतीश कुमार:
- बिहार की जनता ने एनडीए पर भरोसा जताया है
- नई सरकार राज्य के विकास के लिए लगातार काम करेगी
- सभी विधायकों को एकजुट होकर राज्य हित में काम करना चाहिए.
बीजेपी नेताओं ने यह भी कहा कि एनडीए सरकार स्थिरता, सुशासन और तेज विकास के लिए प्रतिबद्ध है.
गुरुवार को होगा भव्य शपथ ग्रहण समारोह- तैयारियां अंतिम चरण में
गांधी मैदान में शपथ ग्रहण समारोह के संबंध में-
- सुरक्षा एजेंसियाँ
- जिला प्रशासन
- नगर निगम
- राज्य सरकार की विभिन्न एजेंसियाँ
विशेष जिम्मेदारियां दी गई हैं.
समारोह में हजारों लोगों की भीड़ जुटने की उम्मीद है.
वीआईपी सूची में-
- कई केंद्रीय मंत्री
- विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री
- संसद के सदस्य
- देश के प्रमुख राजनीतिक नेता
शामिल हो सकते हैं.
10वां शपथ ग्रहण- राजनीतिक महत्व का बड़ा दिन
नीतीश कुमार पिछले दो दशकों से बिहार की राजनीति में एक केंद्रीय चेहरा रहे हैं।
उनके समर्थकों ने उन्हें जाने दिया-
- अनुभव
- स्थिरता
- और विकास आधारित शासन
का प्रतीक माना जाता है।
विपक्ष का कहना है कि लगातार राजनीतिक फेरबदल राज्य के लिए ठीक नहीं है.
लेकिन फिलहाल बिहार में सियासी घमासान सिर्फ एक ही घटना के इर्द-गिर्द घूम रहा है-
गुरुवार सुबह 11 बजे नीतीश कुमार का ऐतिहासिक 10वां शपथ ग्रहण।
सोशल मीडिया पर भी गरमाई बिहार की सियासत!
सोशल मीडिया पर समर्थकों और विरोधियों के बीच तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं.
- समर्थक: “अनुभव ही बिहार को स्थिरता देगा”
- दोष: “बार-बार बदलाव से राज्य को हो रहा है नुकसान”
लेकिन फिलहाल राजधानी पटना में एक ही चर्चा है-
“नीतीश कुमार कल फिर शपथ लेंगे – बिहार की राजनीति का एक नया अध्याय शुरू होने वाला है।”
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