बदायूँ, लोकजनता। विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट दिनेश तिवारी ने आरोपी को नाबालिग लड़की को बहला-फुसलाकर ले जाने और उसके साथ दुष्कर्म करने का दोषी पाया और उसे दस साल के कठोर कारावास के साथ 40 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई।
अभियोजन पक्ष के अनुसार वादी मुकदमा ने 22 जुलाई 2017 को कोतवाली सिविल लाइन में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उसकी बेटी 16 साल की है। वह खेत पर काम करने गया था। इसी बीच अतर सिंह आया और उसकी बेटी को बहला फुसलाकर ले गया। जब वह पत्नी को लेकर घर पहुंचा तो पड़ोसियों ने बताया कि अतर सिंह उनकी बेटी को ले गया है। लड़की को ले जाने में प्रीति पाल, चरण सिंह, प्रेमवती, लक्ष्मी आदि ने अतर सिंह की मदद की.
उनकी बेटी घर में रखे आभूषण और 50 हजार रुपये ले गयी. पुलिस ने लड़की को बरामद कर लिया. उसने बताया कि अतर सिंह उसे राजस्थान ले गया और उसके साथ गलत काम किया। ग्राम खेड़ा बुजुर्ग निवासी प्रीति पाल के पुत्र अतर सिंह पर एक नाबालिग लड़की को बहला-फुसलाकर ले जाने और दुष्कर्म करने के आरोप में अदालत में मुकदमा चलाया गया था। न्यायाधीश ने पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों का अवलोकन किया। विशेष लोक अभियोजक अमोल जौहरी और बचाव पक्ष के वकील की दलीलें सुनने के बाद आरोपी को सजा सुनाई गयी.



