पटना. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद बुधवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया और राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान के समक्ष नई सरकार बनाने का दावा पेश किया। एनडीए विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज सीधे राजभवन पहुंचे और राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान से मुलाकात की.
नीतीश कुमार ने राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया और नई एनडीए सरकार बनाने का दावा भी पेश किया. अपने दावे के साथ कुमार ने राज्यपाल श्री खान को एनडीए के सभी विधायकों की सूची और घटक दलों की ओर से उनके पक्ष में जारी समर्थन पत्रों की सूची भी सौंपी. इससे पहले दिन में मुख्यमंत्री कुमार को सर्वसम्मति से राजग विधायक दल का नेता चुना गया। इस बैठक में नवनिर्वाचित विधायकों के अलावा एनडीए के सभी शीर्ष नेता मौजूद थे.
बैठक में शामिल होने वालों में लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान, राष्ट्रीय लोक मोर्चा (RLMO) के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (HAM) के प्रमुख जीतन राम मांझी भी मौजूद थे। इस मौके पर पासवान ने कहा कि हाल ही में संपन्न बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए की ऐतिहासिक जीत में महिलाओं से मिले समर्थन की सराहना की जानी चाहिए. उन्होंने एक बार फिर एनडीए की सेवा करने का मौका देने के लिए बिहार की जनता को धन्यवाद दिया.
मांझी ने कहा कि यह जानकर खुशी हुई कि लगभग बीस वर्षों तक सत्ता में रहने के बावजूद मुख्यमंत्री कुमार के खिलाफ कोई सत्ता विरोधी लहर नहीं थी। उन्होंने कहा कि राजनीति में यह एक दुर्लभ उदाहरण है कि इतने लंबे समय तक सत्ता में रहने वाले नेता के खिलाफ कोई सत्ता विरोधी लहर नहीं थी। राज्यपाल से निमंत्रण मिलने के बाद मुख्यमंत्री कुमार 20 नवंबर को ऐतिहासिक गांधी मैदान में नवगठित एनडीए सरकार के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे.
शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और अन्य भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के भी मौजूद रहने की संभावना है। गौरतलब है कि हाल ही में संपन्न हुए बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए ने 202 सीटें जीती हैं और घटक दलों में बीजेपी ने 89, जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) ने 85, एलजेपी (आर) ने 19, हम ने 05 और आरएलएमओ ने 04 सीटें जीती हैं. वहीं, राजद के नेतृत्व वाले महागठबंधन को सिर्फ 35 सीटें ही मिल सकीं.



