स्वच्छता, जागरूकता और बच्चों की प्रतिभा का अनूठा संगम
भागलपुर: विश्व शौचालय दिवस के अवसर पर मध्य विद्यालय तरडीहा,जगदीशपुर में डेटॉल इंडिया द्वारा डेटॉल बनेगा स्वच्छ भारत अभियान के तहत एक खास और भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में स्वच्छता, स्वास्थ्य जागरूकता और बच्चों की रचनात्मक प्रतिभा ने एक साथ दिया अनोखा संदेश-स्वच्छता ही स्वास्थ्य है.
कार्यक्रम में कई सम्मानित अतिथि शामिल हुए
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में सन्हौली पंचायत के मो अध्यक्ष,
जिला स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टर मो डॉ.ब्रज भूषण मंडल,
स्वच्छता के ब्रांड एंबेसडर मनोज पंडित,
जगदीशपुर प्रखंड के विभिन्न विद्यालयों के प्रधानाध्यापक मो.
निपुण बिहार से राहुल जी, सोनी झा, जीविका दीदी,
और कई गणमान्य अतिथि उपस्थित थे.
डेटॉल इंडिया टीम सभी अतिथियों का स्वागत करती हुई गुलदस्ता और स्वच्छता किट प्रदान किया।
बच्चों ने स्वागत गीत से माहौल बना दिया
कार्यक्रम की शुरुआत स्कूली बच्चों की जोशीली प्रस्तुति से हुई. स्वागत गीत से परिणामित हुआ.
गाने की मधुर धुन और बच्चों की ऊर्जा ने पूरे मैदान में सकारात्मक माहौल बना दिया।
अतिथियों ने कहा- स्वच्छता जीवन का अनिवार्य हिस्सा है
मंच पर मौजूद अतिथि
- विश्व शौचालय दिवस का महत्व
- साफ़ सफाई की आदत
- स्कूल और घर दोनों जगह साफ-सफाई
लेकिन जागरूकता भरे विचार साझा किये.
उन्होंने सभी बच्चों और अभिभावकों से आग्रह किया कि-
“स्वच्छता सिर्फ एक आदत नहीं, बल्कि एक जीवनशैली है।”
प्रतियोगिताएं – बच्चों की रचनात्मकता ने जीता दिल
बच्चों ने अपनी प्रतिभा का शानदार प्रदर्शन किया।
आयोजित प्रतियोगिताओं में शामिल हैं-
- चित्रकारी
- नृत्य
- गायन
- स्वच्छता आधारित गतिविधियाँ
इन प्रस्तुतियों ने कार्यक्रम में रंग जमा दिया और दर्शकों ने बच्चों की मेहनत की दिल खोलकर सराहना की।
प्रिंसिपल की पहल – ‘स्टूडेंट ऑफ़ द मंथ’ और ‘टीचर ऑफ़ द मंथ’
विद्यालय के प्रधानाध्यापक श्री मुकेश कुमार भारती द्वारा
स्वच्छता जागरूकता एवं विद्यालय के समग्र विकास पर महत्वपूर्ण सुझाव दिये।
उन्होंने घोषणा की कि स्कूल अब-
- माह का विद्यार्थी
- माह का शिक्षक
इस तरह की नई पहल शुरू की जा रही है, ताकि बच्चों और शिक्षकों को अधिक प्रोत्साहन मिले।
बच्चों को सम्मान मिला, आत्मविश्वास बढ़ा
अंत में सभी प्रतिभागी बच्चों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया।
यह कार्यक्रम सिर्फ स्वच्छता का संदेश देने तक ही सीमित नहीं था, बल्कि-
- बच्चों में अनुशासन
- जागरूकता
- खुद पे भरोसा
मजबूत भी किया.
समारोह ने साबित कर दिया कि स्वच्छ भारत की असली नींव स्कूलों में पैदा की गई जागरूकता है।
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