पटना: बिहार चुनाव के बाद से ही राजद के भीतर संगठनात्मक मुद्दों और अंदरूनी कलह पर चर्चा तेज थी. इस बीच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जिस रियल एस्टेट कारोबारी को लालू-तेजस्वी का करीबी माना है. अमित कत्याल इस गिरफ्तारी ने राजनीतिक माहौल को और संवेदनशील बना दिया है. इस गिरफ्तारी ने राजद खेमे में एक नया मोर्चा खोल दिया है और बिहार की राजनीति में हलचल और बढ़ा दी है.
विपक्षी दलों का हमला- ‘राजद आलाकमान के इर्द-गिर्द विवादित लोग’
अमित कत्याल की गिरफ्तारी के बाद विपक्षी दलों ने सीधे तौर पर राजद नेतृत्व पर निशाना साधा है. विपक्ष का आरोप है कि लालू और तेजस्वी यादव के आसपास हमेशा ऐसे लोग रहे हैं जिनका कारोबार विवादों से घिरा रहा है.
विपक्षी नेताओं का कहना है कि राजद नेताओं और उनके करीबी व्यवसायियों के खिलाफ बार-बार कार्रवाई से पता चलता है कि पार्टी आलाकमान की ‘आंतरिक परत’ में गंभीर अनियमितताएं हैं।
हालांकि, राजद इस आरोप को सिरे से खारिज कर रही है.
राजद का पलटवार- ‘राजनीतिक प्रतिशोध का हिस्सा’
राजद नेताओं ने बयान जारी कर कहा है कि केंद्र सरकार विपक्षी दलों को निशाना बनाने के लिए जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है.
पार्टी का कहना है कि-
- ईडी की कार्रवाई ‘चुनाव के बाद राजनीतिक स्कोर सेटिंग’ है
- हर बार राजद नेताओं या उनके करीबी लोगों को ही क्यों निशाना बनाया जाता है?
- यह पूरी प्रक्रिया राजनीतिक दबाव से प्रेरित है
राजद ने साफ किया कि अमित कत्याल के व्यापारिक मामलों से पार्टी का कोई संबंध नहीं है और ईडी पूरी तरह से राजनीतिक दबाव में यह कार्रवाई कर रही है.
ED की जांच का अगला चरण- कई और खुलासे होने की संभावना
सूत्रों के मुताबिक, ईडी ने कत्याल को हिरासत में लेने से पहले कई घंटों तक पूछताछ की. अब जांच एजेंसी इस केस को कई अहम बिंदुओं पर आगे बढ़ाएगी.
एजेंसी विशेष रूप से इन सवालों की जांच कर रही है-
- 300+ करोड़ रुपये किन रूटों से ट्रांसफर किये गये?
- इस राशि से किन कंपनियों, व्यक्तियों और संस्थानों को लाभ हुआ?
- फर्जी बुकिंग के जरिए कैसे स्थापित किया गया निवेश नेटवर्क?
- क्या इस पैसे का इस्तेमाल किसी राजनीतिक गतिविधि या प्रभावशाली लोगों तक पहुंचने के लिए किया गया था?
सूत्र यह भी संकेत दे रहे हैं कि ईडी आने वाले दिनों में कई अन्य व्यक्तियों और कंपनियों को भी तलब कर सकता है। कुछ स्थानों पर छापेमारी की संभावना व्यक्त भी किया जा रहा है.
बिहार की राजनीति पर बड़ा असर!
इस गिरफ्तारी के बाद बिहार में राजनीतिक बयानबाजी और आरोप-प्रत्यारोप का दौर तेज हो गया है.
एक तरफ विपक्ष इसे कानून के तहत की गई कार्रवाई बता रहा है तो दूसरी तरफ राजद इसे सत्ता पक्ष का ‘राजनीतिक हथियार’ बता रहा है.
यह मामला अब न केवल कानूनी बल्कि राजनीतिक और सामाजिक निहितार्थों के कारण भी बेहद महत्वपूर्ण हो गया है। आने वाले दिनों में ईडी की कार्रवाई और राजद की प्रतिक्रिया दोनों बिहार के राजनीतिक माहौल को दिशा देगी.
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