लखनऊ. बिहार में सरकार गठन को लेकर केंद्रीय नेतृत्व द्वारा उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को केंद्रीय पर्यवेक्षक नियुक्त किए जाने के बाद समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को आड़े हाथों लिया है। अखिलेश यादव ने कहा कि बीजेपी संगठनात्मक लोकतंत्र का ढिंढोरा पीटती है, लेकिन हकीकत यह है कि पार्टी में फैसले पर्ची से लिए जाते हैं.
बुधवार को अपने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट करते हुए यादव ने तंज कसते हुए कहा, “बीजेपी ने उनसे जिस पद का वादा किया था, उसे छोड़कर बाकी सभी पद और जिम्मेदारियां उन्हें दी जा रही हैं. जहां फैसले पर्ची से होते हैं, वहां क्या पर्ची से फैसले होंगे? बीजेपी असल में पर्ची निरीक्षक भेजती है, पर्यवेक्षक नहीं. बीजेपी और लोकतंत्र एक दूसरे के विरोधी हैं.”
गौरतलब है कि बीजेपी ने मंगलवार को बिहार में विधायक दल के नेता के चुनाव के लिए उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को केंद्रीय पर्यवेक्षक नियुक्त किया. इसके साथ ही केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और पूर्व केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति को सह-पर्यवेक्षक बनाया गया है. पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह के मुताबिक, बीजेपी संसदीय बोर्ड ने चुनाव प्रक्रिया को सुचारु रूप से संचालित करने के मकसद से ये नियुक्तियां की हैं.



