लखनऊ, लोकजनता: दिल्ली लाल किला मेट्रो स्टेशन के बाहर हुए बम धमाके की जांच में एनआईए को अहम सुराग मिले हैं. जांच का दायरा लखनऊ के बाद अब अयोध्या तक पहुंच गया है. एनआईए और एटीएस की जांच में पता चला कि बम कांड के मास्टरमाइंड डॉ. शाहीन शाहिद के भाई डॉ. परवेज ने मेडिकल की पढ़ाई पूरी करने के बाद 2010 में अयोध्या में इंटर्नशिप की थी. इसके आधार पर एनआईए और एटीएस की एक टीम डॉ. परवेज के संपर्क में आए लोगों की कुंडली खंगालने निकली है. जांच एजेंसियां 50 से ज्यादा लोगों की कुंडली खंगाल रही हैं.
बम ब्लास्ट की जांच में कई राज खुलने के बाद एटीएस ने लखनऊ के एरा मेडिकल कॉलेज में डॉ. निसार से पूछताछ की. डॉ. परवेज़ अंसारी और डॉ. निसार ने जीवीएसएम (गणेश शंकर विद्यार्थी मेमोरियल) मेडिकल कॉलेज, कानपुर से पढ़ाई की है। एटीएस वर्ष 2013-14 के दौरान कॉलेज में पढ़ने वाले सभी डॉक्टरों से संपर्क कर रही है। उनके बारे में भी जानकारी जुटाई जा रही है। डॉ. परवेज के साथ पढ़ने वाले डॉक्टरों के कनेक्शन की जांच की जा रही है. पूछताछ के दौरान एटीएस ने डॉ. निसार से डॉ. परवेज और उसके करीबियों के बारे में जानकारी मांगी। जांच एजेंसियां डॉ. परवेज के नेटवर्क के बारे में पूरी जानकारी हासिल करना चाहती हैं. कॉलेज में फैले उसके नेटवर्क की जानकारी जुटाई जा रही है।
अहम सुराग मिलने के बाद एनआईए की टीम अब अयोध्या जाने की तैयारी में है. दस्तावेजों की जांच से पता चला कि डॉ. परवेज ने लखनऊ के अमीरुद्दौला इस्लामिया इंटर कॉलेज से 1999 में हाईस्कूल और 2001 में इंटरमीडिएट प्रथम श्रेणी में पास किया था। इसके बाद एमबीबीएस में चयनित होने के बाद उन्होंने वर्ष 2004 में एरा मेडिकल कॉलेज में प्रवेश लिया। 2010 में अयोध्या के एक अस्पताल में इंटर्नशिप की। इस दौरान उनका कई लोगों से संपर्क हुआ। इसी आधार पर एनआईए उसके अयोध्या कनेक्शन की जांच करना जरूरी मान रही है. साथ ही दिल्ली धमाके की कड़ी जोड़ने वाले अहम सबूत भी तलाशेगी. उत्तर प्रदेश के डॉ. शाहीन शाहिद का नाम सामने आने के बाद एजेंसियां इस मामले को बेहद गंभीर मान रही हैं और कॉलेज के पुराने रिकॉर्ड, स्टाफ डेटा और छात्र सूची की गहनता से जांच कर रही हैं।



