पटना: लालू प्रसाद यादव के परिवार से राजनीतिक दूरी बनाने के बाद रोहिणी आचार्य लगातार सुर्खियों में बनी हुई हैं. इसी बीच पटना के एक वरिष्ठ पत्रकार… माँ के घर आ जाओ लेकिन सवाल उठने के बाद विवाद गहरा गया है. पत्रकार की टिप्पणी से नाराज हुईं रोहिणी पांच मिनट का वीडियो ने तीखा जवाब जारी किया है, जो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है.
“एक शादीशुदा बेटी अपने मायके में कितने दिनों तक रह सकती है?” – रोहिणी का सवाल
इस वायरल वीडियो को रोहिणी आचार्य ने खुद अपने फेसबुक पेज पर शेयर किया है.
रोहिणी ने पत्रकार की टिप्पणी पर नाराजगी जताते हुए पूछा-
“बताओ, शादीशुदा बेटियां कितने दिनों के लिए अपने माता-पिता के घर जा सकती हैं? और आप किस अधिकार से यह निर्णय लेंगे कि बेटी कब आयेगी और कब नहीं?”
उन्होंने पत्रकार की टिप्पणी का जवाब दिया “बुरा और अपमानजनक” बताया और कहा कि ऐसी बातों से उस पत्रकार के घर की बहू-बेटियां भी शर्मिंदा महसूस करती होंगी.
‘मैं अपनी मर्जी से नहीं गई, तेजस्वी यादव ने मुझे बुलाया था’- रोहिणी का पलटवार
वरिष्ठ पत्रकार ने अपने कार्यक्रम में कहा था कि शादीशुदा बेटियों को ही माता-पिता का अधिकार मिलना चाहिए. त्यौहार या विशेष अवसर लेकिन यह आना चाहिए. इस पर पलटवार करते हुए रोहिणी ने कहा-
“मैं अपनी मर्जी से कभी भी अपने माता-पिता के घर नहीं जाती। इस बार भी आपके ‘मास्टर’ तेजस्वी यादव ने मुझे बुलाया था. जाओ और प्रवेश रजिस्टर की जांच करो.”
रोहिणी के इस बयान ने सोशल मीडिया पर एक नई बहस शुरू कर दी है.
‘आप मेरी जिम्मेदारी नहीं ले सकते’- राबड़ी देवी पर टिप्पणी से भड़कीं रोहिणी
पत्रकार द्वारा रोहिणी की मां एवं पूर्व मुख्यमंत्री स्व राबड़ी देवी रोहिणी ने उनका नाम लेने पर भी कड़ी आपत्ति जताई.
उसने कहा-
“आप मेरी जिम्मेदारी नहीं ले सकते. आपने मेरी मां का नाम लिया- बताओ, आपने मेरी मां से कब बात की? आप कैसे कह सकते हैं कि बेटियों को अपने माता-पिता के घर में घुटने टेक कर नहीं बैठना चाहिए? पहले अपनी मां-बेटियों की जिम्मेदारी लीजिए.”
रोहिणी ने कहा कि वह बाहरी लोगों के उपदेश सुनने के बजाय अपने परिवार की जिम्मेदारी को बेहतर ढंग से समझती हैं।
“क्या शादीशुदा बेटी को किडनी नहीं दी जानी चाहिए?” – रोहिणी का तीखा वार
रोहिणी ने पत्रकार को याद दिलाया कि जब उन्होंने बीमार लालू यादव की मदद की थी तो यही लोग आगे आये थे. अपनी किडनी दान करें किया।
उसने कहा-
“आपने यह क्यों नहीं कहा कि शादीशुदा बेटियां अपने पिता को किडनी नहीं दे सकतीं? जब किडनी देने की बारी आई तो बेटा भाग गया। और आप कहते रहे कि करोड़ों लोग लालू जी को किडनी दान करने को तैयार हैं. अगर आपमें हिम्मत है तो आगे आएं और इसे दोहराएं।”
रोहिणी ने पत्रकारों और ट्रोलर्स को जमकर लताड़ा “नीच और दोगला” तक कहा.
रोहिणी की लंबी पोस्ट- किडनी दान पर बड़ा संदेश
वीडियो के साथ रोहिणी ने एक लंबा पोस्ट भी शेयर किया, जिसमें उन्होंने लिखा-
“जो लोग लालू जी के नाम पर सहानुभूति बटोरते हैं, उन्हें अस्पतालों में आखिरी सांसें गिन रहे गरीब मरीजों को किडनी दान करनी चाहिए।”
उन्होंने व्यंग्य करते हुए कहा कि-
“जो लोग बेटी की किडनी को गंदा कहते हैं, उन्हें पहले खुद महादान शुरू करना चाहिए – फिर पत्रकारों, उनके चाटुकारों और ट्रोलर्स को करना चाहिए।”
रोहिणी ने कहा कि जो लोग एक बोतल खून दान करने से डरते हैं वे किडनी दान पर ज्ञान बांट रहे हैं, यह बेहद हास्यास्पद है।
सोशल मीडिया पर समर्थन और विरोध- रोहिणी फिर चर्चा में
रोहिणी का वीडियो सामने आने के बाद इंटरनेट पर दो गुट बन गए हैं.
- एक तरफ लोग उनका समर्थन कर रहे हैं और उनकी बेबाकी की तारीफ कर रहे हैं.
- वहीं कुछ लोग कह रहे हैं कि रोहिणी को इस विवाद में नहीं पड़ना चाहिए था.
बहरहाल, इतना तो तय है कि रोहिणी आचार्य एक बार फिर बिहार की राजनीति के केंद्र में आ गई हैं.
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