ज्वार, बाजरा और धान की फसल उगाने वाले किसानों के लिए यह महत्वपूर्ण खबर है। सरकार उनकी उपज की एमएसपी पर खरीद शुरू करने जा रही है. इसके लिए राज्य सरकार ने खरीद नीति घोषित कर दी है. सरकार ने प्रदेश के सभी जिलों के कलेक्टरों, नागरिक आपूर्ति निगम और वेयरहाउसिंग कॉर्पोरेशन के अधिकारियों को खरीदी से संबंधित महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने निर्देश दिये हैं कि उपार्जन केन्द्रों पर ऐसी व्यवस्था हो कि किसानों को कोई परेशानी न हो।
खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने कहा कि खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 में किसानों से औसत अच्छी गुणवत्ता वाले धान, ज्वार एवं बाजरा की खरीदी केन्द्र सरकार द्वारा समय-समय पर घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य पर की जायेगी। राज्य सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान, ज्वार और बाजरा की खरीद नीति घोषित कर दी है। समर्थन मूल्य पर ज्वार एवं बाजरा की खरीदी 24 नवम्बर से 24 दिसम्बर तक तथा धान की खरीदी 1 दिसम्बर से 20 जनवरी 2026 तक की जायेगी। सोमवार से शुक्रवार तक खरीदी की जायेगी।
सख्त निर्देश, किसानों को नहीं होनी चाहिए कोई परेशानी
खाद्य मंत्री राजपूत ने कहा कि प्रदेश के सभी जिलों के कलेक्टर्स, नागरिक आपूर्ति निगम और वेयर हाउसिंग कॉर्पोरेशन के अधिकारियों को उपार्जन नीति का अक्षरश: पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिये गये हैं, ताकि किसानों को लाभ दिलाने की सरकार की मंशा पूरी हो सके. इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही पाये जाने पर खरीद कार्य से जुड़े अधिकारियों व कर्मचारियों पर कार्रवाई की जायेगी.
मप्र राज्य नागरिक आपूर्ति निगम नोडल एजेंसी
खाद्य मंत्री ने कहा कि तय अवधि में खरीद की जायेगी. समर्थन मूल्य पर धान, ज्वार और बाजरा की खरीदी के लिए मध्य प्रदेश राज्य नागरिक आपूर्ति निगम नोडल एजेंसी होगी। इसके अलावा विभाग केंद्र और राज्य सरकार की अन्य एजेंसियों या उनके द्वारा अधिकृत संस्थाओं को भी खरीद एजेंसी घोषित कर सकता है।
यह फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य है
धान सामान्य एमएसपी 2369 रुपये प्रति क्विंटल।
धान ग्रेड-ए एमएसपी 2389 रुपये प्रति क्विंटल।
ज्वार मालदंडी एमएसपी 3749 हजार रुपये प्रति क्विंटल।
ज्वार हाइब्रिड एमएसपी 3699 रुपये प्रति क्विंटल।
बाजरा एमएसपी 2775 रुपये प्रति क्विंटल।
खरीद केंद्र किसानों की सुविधा के अनुसार होंगे
मंत्री श्री राजपूत ने कहा कि किसानों की सुविधा के अनुसार उपार्जन केन्द्र का स्थान तय किया जायेगा। गोदाम/केप परिसर में प्राथमिकता से उपार्जन केन्द्र स्थापित किये जायेंगे। यदि गोदाम/केप उपलब्ध नहीं है तो समिति एवं अन्य स्तरों पर उपार्जन केन्द्र स्थापित किये जा सकते हैं। जिले में उपार्जन केन्द्रों की संख्या का निर्धारण राज्य उपार्जन समिति द्वारा किसान पंजीयन, पंजीयन में दर्ज बोये गये रकबे एवं गत वर्ष निर्धारित उपार्जन केन्द्रों के आधार पर किया जायेगा।
बारदाने की व्यवस्था इसी प्रकार रहेगी
खाद्य मंत्री ने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के लिए 46 प्रतिशत पुराने और 54 प्रतिशत नए जूट बारदानों का उपयोग किया जाएगा. बारदाने की व्यवस्था खरीद एजेंसी द्वारा की जाएगी। ज्वार एवं बाजरा की खरीदी नये जूट बारदानों में की जायेगी।
इन निर्देशों का पालन करना महत्वपूर्ण है
- समर्थन मूल्य पर धान, ज्वार और बाजरा की खरीद के लिए केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय द्वारा निर्धारित समान विनिर्देशों और समय-समय पर इसमें दी गई छूट के अनुसार खरीद की जाएगी।
- गुणवत्ता परीक्षण की जिम्मेदारी उपार्जन केन्द्र पर उपार्जन संस्था एवं भण्डारण स्थल पर उपार्जन एजेंसी की होगी।
- कृषि उपज मंडियों में एफएक्यू मानक का धान, ज्वार एवं बाजरा समर्थन मूल्य से कम पर नहीं खरीदा जाएगा। गैर-एफएक्यू उपज का नमूना कृषि उपज मंडी द्वारा रखा जाएगा।
- कृषक द्वारा खाद्यान्न की अधिकतम विक्रय योग्य मात्रा का निर्धारण किसान पंजीयन में दर्ज फसल के क्षेत्रफल एवं राजस्व विभाग द्वारा तहसीलवार निर्धारित उत्पादकता के आधार पर किया जायेगा।
- उपज बेचने के लिए किसान को खरीद केंद्र और बिक्री तिथि का चयन करने के लिए स्लॉट बुकिंग करनी होगी।
- उपार्जित खाद्यान्न को उपार्जन केन्द्र से गोदाम तक पहुंचाने की जिम्मेदारी उपार्जन एजेंसी की होगी तथा धान को उपार्जन केन्द्र/गोदाम से सीधे मिलर्स तक पहुंचाने की जिम्मेदारी मिलर्स की होगी।



