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Tuesday, November 18, 2025
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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 20 नवंबर को आएंगी छत्तीसगढ़, जनजातीय गौरव दिवस कार्यक्रम में होंगी शामिल, पढ़ें पूरी खबर


राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 20 नवंबर को छत्तीसगढ़ दौरे पर आ रही हैं. इस दौरान वे अंबिकापुर के पीजी कॉलेज ग्राउंड में आयोजित राज्य स्तरीय जनजातीय गौरव दिवस के मुख्य कार्यक्रम में शामिल होंगी. आपको बता दें कि राष्ट्रपति के आगमन को लेकर तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. राष्ट्रपति के अलावा राज्यपाल रमेन डेका, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय समेत मंत्री, सांसद, विधायक और प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहेंगे.

कार्यक्रम दो दिनों तक चलेगा

जानकारी के मुताबिक जनजातीय गौरव दिवस के मौके पर 19 और 20 नवंबर को अंबिकापुर के पीजी कॉलेज मैदान में दो दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा. इस कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की उपस्थिति होगी. वह इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगी और राज्य के आदिवासी समुदायों के साथ अपनी उपस्थिति दर्ज कराएंगी.

सुरक्षा के कड़े इंतजाम

हेलीकॉप्टर के आगमन से लेकर राष्ट्रपति के कार्यक्रम स्थल तक पूरे रास्ते को सील कर हर दिशा से निगरानी की जाएगी. कार्यक्रम में सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए 1700 से ज्यादा जवान तैनात रहेंगे. कार्यक्रम की सफलता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एसपीजी (स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप) की टीम भी इसकी निगरानी कर रही है.

मुख्यमंत्री वैद्यराज सम्मान निधि योजना का शुभारंभ

आपको बता दें कि राष्ट्रपति मुर्मू राज्य में मुख्यमंत्री वैद्यराज सम्मान निधि योजना का शुभारंभ करेंगे. इस योजना के तहत राज्य में पारंपरिक उपचार करने वाले वैद्यों को हर साल 5000 रुपये की वित्तीय सहायता दी जाएगी। इसके लिए राज्य सरकार ने त्रिस्तरीय चयन प्रक्रिया तैयार की है, जिसके तहत योग्य वैद्यों का चयन किया जाएगा. इस योजना का उद्देश्य पारंपरिक उपचार पद्धतियों को बढ़ावा देना और ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करना है।

मुख्यमंत्री अखाड़ा विकास योजना को मिलेगी हरी झंडी

इसके अलावा राष्ट्रपति मुख्यमंत्री अखाड़ा विकास योजना का भी उद्घाटन करेंगे. इस योजना के तहत राज्य के मंदिरों का विकास और पुनरुद्धार किया जाएगा। योजना के तहत प्रत्येक मंदिर पर 5 से 20 लाख रुपये तक की राशि खर्च की जायेगी. योजना का उद्देश्य न केवल धार्मिक स्थलों का संरक्षण करना है बल्कि इन स्थानों को पर्यटन और स्थानीय सांस्कृतिक गतिविधियों के केंद्र के रूप में विकसित करना भी है।

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