बालाघाट समाचार बालाघाट: बालाघाट के किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी है। यहां के किसानों को अब सिंचाई के लिए वर्षा आधारित स्रोतों या अन्य सुविधाओं के लिए संघर्ष नहीं करना पड़ेगा। अब क्षेत्र के किसान सातनारी जलाशय के पानी से ही अपनी फसलों की सिंचाई कर सकेंगे। कलेक्टर मृणाल मीना ने इस जलाशय के निर्माण के लिए राजस्व, जल संसाधन और वन विभाग की संयुक्त टीम गठित की है और उनसे विस्तृत सर्वेक्षण रिपोर्ट मांगी है. सबकुछ ठीक रहा तो एक माह के भीतर सातनारी जलाशय का निर्माण शुरू हो सकता है.
बालाघाट समाचार आपको बता दें कि बुढ़ियागांव क्षेत्र में करीब 45 साल पहले शुरू हुआ सातनारी जलाशय आज भी अधूरा है। 1980 में स्वीकृत इस परियोजना का 70 फीसदी काम पूरा हो चुका था, लेकिन वन विभाग की आपत्ति के कारण इसे रोक दिया गया था. इस बांध को मूर्त रूप देने के लिए विभिन्न सरकारों द्वारा प्रयास किए गए, लेकिन निर्माण कार्य पूरा नहीं हो सका। स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि भूमि आवंटन और करीब सात करोड़ रुपये की राशि का प्रस्ताव वन विभाग को सौंपा गया है. इसके बावजूद तीन साल से फाइल अटकी हुई है। किसान चाहते हैं कि सरकार और प्रशासन मिलकर इसका समाधान निकालें, क्योंकि जलाशय के निर्माण से उनका दशकों पुराना सपना पूरा होगा और खेती में समृद्धि आएगी.
जीवनरेखा साबित होगा जलाशय : विधायक मधु भगत
बालाघाट समाचार क्षेत्रीय विधायक मधु भगत ने कहा कि सतनारी जलाशय किसानों के लिए जीवन रेखा साबित होगा और इसीलिए वे इसके लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। विधायक ने कहा कि तत्कालीन जल संसाधन मंत्री रामकिशोर कांवरे ने जलाशय के निर्माण के लिए ₹10.29 करोड़ (₹102.9 मिलियन) स्वीकृत किए थे और काम भी शुरू हो गया था। लेकिन, वन विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) नहीं मिलने के कारण निर्माण कार्य रोकना पड़ा.



