यूपी में स्वरोजगार: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में स्वरोजगार और सूक्ष्म उद्योगों की तस्वीर तेजी से बदल रही है। डबल इंजन सरकार ने पारंपरिक कला और ग्रामीण आधारित उद्योगों को पुनर्जीवित करके और युवाओं को कौशल, वित्तीय सहायता और बाजार तक पहुंच प्रदान करके एक नई औद्योगिक क्रांति की नींव रखी है। मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान (CM-YUVA) ने न केवल हजारों युवाओं को आत्मनिर्भरता की राह दिखाई है, बल्कि राज्य में उद्योग आधारित रोजगार के नए अवसरों को भी जन्म दिया है। सरकार का लक्ष्य वित्तीय वर्ष 2025-26 में 1.70 लाख युवाओं को लाभान्वित करना और हर साल 1 लाख से अधिक नए सूक्ष्म उद्यम स्थापित करना है।
सीएम-युवा योजना युवाओं की उद्यमशीलता को बढ़ावा दे रही है
मुख्यमंत्री युवा योजना के तहत 21 से 40 वर्ष की आयु के युवाओं को 5 लाख रूपये तक का शत-प्रतिशत ब्याज मुक्त एवं गारंटी मुक्त ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। साथ ही परियोजना लागत का 10 प्रतिशत मार्जिन मनी अनुदान भी दिया जा रहा है। इस योजना की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि-
*न्यूनतम 8वीं पास और कौशल प्रशिक्षण वाले योग्य युवा
*ऋण अनुमोदन प्रक्रिया पारदर्शी और पूरी तरह से डिजिटल है
*उद्योग स्थापित होने से अन्य युवाओं के लिए भी रोजगार के अवसर
सरकार के मुताबिक, हजारों युवा अब स्थानीय स्तर पर छोटे-छोटे उद्योग शुरू कर अपने परिवार के साथ-साथ आसपास के लोगों के लिए भी रोजगार पैदा कर रहे हैं.
पारंपरिक कलाओं को नई जीवनरेखा: शजर उद्योग बना बड़ा उदाहरण
ओडीओपी योजना योगी सरकार की सबसे सफल पहलों में से एक बनकर उभरी है। कई पारंपरिक कलाएं, जो विलुप्त होने के कगार पर थीं, आज वैश्विक बाजार में अपनी पहचान बना रही हैं।
शजर उद्योग इसका सबसे बड़ा प्रमाण है
*शजर एक बहुमूल्य पत्थर है जो देशभर में केवल यूपी की केन नदी की रेत में पाया जाता है।
*पहले यह शिल्प कला कुछ परिवारों तक ही सीमित थी, लेकिन सरकार ने इसे ओडीओपी से जोड़कर नए बाजार दिए।
*जीआई टैग मिलने से इस उद्योग को वैश्विक पहचान मिली।
*कारीगरों की संख्या कई गुना बढ़ गई और उनकी आय में उल्लेखनीय सुधार हुआ।
विश्वकर्मा श्रम सम्मान, टूलकिट वितरण और डिजिटल प्रशिक्षण जैसे कार्यक्रमों से कारीगरों को मदद मिली है।
कौशल, आधुनिक उपकरण और विपणन क्षमताओं को जोड़ा गया।
महिलाओं की आत्मनिर्भरता नई आर्थिक शक्ति बनती है
ओडीओपी और महिला स्वयं सहायता समूहों ने मिलकर राज्य में महिलाओं की आर्थिक स्थिति का अध्ययन किया है।
क्रांतिकारी बदलाव किये हैं.
*हजारों महिलाएं अपने घरों में स्थापित कर रही हैं स्वरोजगार।
*उनके उत्पाद ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म तक पहुंच रहे हैं।
*यूपी की कारीगरी की मांग अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी बढ़ी है.
*घरेलू आय में वृद्धि और सामाजिक प्रतिष्ठा में सुधार।
महिलाओं की आत्मनिर्भरता, पारंपरिक शिल्प कौशल और आधुनिक विपणन का यह संगम उत्तर प्रदेश की नई आर्थिक पहचान बन रहा है। योगी सरकार के ट्रिपल फोकस – कौशल, पूंजी और बाजार – ने साबित कर दिया है कि सरकार की ठोस नीतियां ग्रामीण अर्थव्यवस्था को जमीन से उठाकर वैश्विक मंच पर स्थापित कर सकती हैं।



