लखनऊ, अमृत विचार: दिल्ली में लाल किला मेट्रो स्टेशन के बाहर हुए बम धमाके से खंदारी बाजार की डॉ. शाहीन शाहिद और उनके भाई डॉ. परवेज का नाम सीधे जुड़ा हुआ है। डॉ. शाहीन जहां ब्लास्ट का मास्टरमाइंड है, वहीं डॉ. परवेज उसका सबसे करीबी मददगार बताया जाता है। जांच एजेंसियां भाई-बहन के लखनऊ नेटवर्क की जांच कर रही हैं। एटीएस, स्पेशल सेल और केंद्रीय एजेंसियां शहर में उन लोगों की तलाश कर रही हैं, जिनसे भाई-बहन लगातार संपर्क में थे। शुरुआती जांच में यह साफ हो गया है कि शाहीन और परवेज लखनऊ में सात-आठ लोगों के बेहद करीब थे। हर दूसरे दिन उससे बात होती थी. सुरक्षा एजेंसियों और स्थानीय पुलिस ने करीब 25 संदिग्ध लोगों से पूछताछ भी की है.
एटीएस ने रविवार को पारा के कुंदन विहार कॉलोनी से भाई-बहन को गिरफ्तार किया है। यह भी पता चला है कि उनके नंबर पर डॉ. शाहीन और डॉ. परवेज के फोन भी आ रहे थे। सुरक्षा एजेंसियां दोनों के मोबाइल नंबरों की डिटेल और चैट रिकॉर्ड खंगालने में जुटी हैं। जिसमें से कुछ ऐसे नंबर मिले हैं जो काफी समय से शाहीन और परवेज के संपर्क में थे. जांच में पता चला कि संदिग्ध राजधानी के अलग-अलग इलाकों में रहते हैं। इनमें ज्यादातर डॉक्टर, लैब टेक्नीशियन, पैरामेडिकल स्टाफ और निजी अस्पतालों के कर्मचारी शामिल हैं। जांच टीमों ने ऐसे सभी लोगों की पहचान कर ली है. जिससे दोनों भाई-बहन बातें करते थे। इनमें कुछ लोग ऐसे भी हैं जिन्होंने हाल ही में अपना नंबर बदला है. कुछ ने तो लखनऊ छोड़ने की तैयारी कर ली थी. जांच एजेंसियां उनकी तलाश में जुटी हुई हैं. उन सभी लोगों को लगातार ट्रेस किया जा रहा है. उनकी गतिविधियों की जांच की जा रही है और संदेह होने पर उनसे पूछताछ की जाएगी. गिरफ्तारी के बाद उन सभी लोगों के मोबाइल, लैपटॉप और अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस जब्त किए जा सकते हैं ताकि डिजिटल फोरेंसिक के जरिए उनकी गतिविधियों का पूरा रिकॉर्ड निकाला जा सके. एजेंसियों को उम्मीद है कि लखनऊ में मिले इन संपर्कों के आधार पर दिल्ली ब्लास्ट मामले की कड़ियां जोड़ने में मदद मिलेगी.
स्थानीय पुलिस और खुफिया विंग की मदद ले रहे हैं
जिसका पता जांच एजेंसियों को नहीं मिल रहा है. उसकी तलाश के लिए स्थानीय खुफिया इकाई (एलआईयू) की मदद ली जा रही है। डीसीपी सेंट्रल विक्रांत वीर का कहना है कि जिन्हें चिह्नित किया गया है। इसकी जानकारी तो नहीं है, लेकिन कुछ नाम-पते के बारे में जानकारी मांगी जा रही है. इसे टीम द्वारा उपलब्ध कराया जा रहा है।
शाहीन लड़कियों का जिहादी गैंग तैयार कर रही थी
सुरक्षा एजेंसियों की जांच और डॉ. शाहीन और उनके भाई डॉ. परवेज के पास से मिले दस्तावेजों से कई राज सामने आए। इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों और अन्य सामग्री से पता चला कि डॉ. शाहीन और उनके भाई डॉ. परवेज उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों में आतंकवाद के स्कूल चला रहे थे। इन दोनों ने पूछताछ में इसका खुलासा भी किया. डॉ. शाहीन शाहिद जूम मीटिंग और वीडियो कॉल के जरिए लड़कियों को आतंकवाद के लिए ट्रेनिंग दे रही थी। वह लड़कियों का जिहादी गैंग तैयार कर रही थी ताकि सुरक्षा एजेंसियों के निशाने पर युवा हों।
जांच एजेंसियों के मुताबिक, डॉ. शाहीन, डॉ. परवेज और डॉ. आरिफ लड़कियों से ऑनलाइन बात करते थे। उनका ब्रेनवॉश करते थे. धार्मिक कट्टरवाद को बढ़ाने के लिए उपयोग किया जाता है। ये तीनों मुस्लिम युवक-युवतियों से कहते थे कि ‘यह आतंकवाद का रास्ता नहीं है. ये अल्लाह का पैगाम है. अल्लाह के लिए कुर्बानी देनी होगी. अल्लाह ने हमें इसके लिए चुना है. अब तक की जांच में पुलिस को जानकारी मिली है कि डॉ. शाहीन के इस वीडियो स्कूल में डॉ. आरिफ, कानपुर से गिरफ्तार उसका भाई डॉ. परवेज और हापुड़ से गिरफ्तार डॉ. फारूक अहमद भी शामिल थे. डॉ. शाहीन भड़काऊ भाषणों के जरिए मुस्लिम महिलाओं और लड़कियों को जिहाद के लिए तैयार कर रही थीं। वह शादीशुदा महिलाओं से कहती थी कि इसके लिए उन्हें अपने पति को तलाक देना होगा और परिवार छोड़ना होगा। जैश की महिला विंग कमांडर डॉ शाहीन शाहिद ने खुद अपने पति को तलाक दे दिया है. तलाक के बाद वह कभी अपने बच्चों से मिलने नहीं गईं. इतना ही नहीं वह अपने परिवार से मिलने भी लखनऊ नहीं आईं। जांच में पता चला कि वह अपने भाई डॉ. परवेज के संपर्क में थी। दोनों की कई बार सहारनपुर में मुलाकात भी हुई थी। तलाक के बाद भाई परवेज को संरक्षक बनाया गया।



