दीपक के लिए वास्तु टिप्स: दीपक के बिना पूजा अधूरी मानी जाती है और इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार भी बढ़ता है। वास्तु शास्त्र में दीपक जलाने से लेकर दिशा, बाती, तेल और घी के चयन से लेकर दीपक के स्थान तक कई महत्वपूर्ण नियम बताए गए हैं। इन नियमों का पालन करने से पूजा का पूरा फल मिलता है और वातावरण भी शुद्ध रहता है।
प्रकाशित तिथि: मंगल, 18 नवंबर 2025 07:39:28 पूर्वाह्न (IST)
अद्यतन दिनांक: मंगल, 18 नवंबर 2025 07:39:28 पूर्वाह्न (IST)
पर प्रकाश डाला गया
- पूजा के दौरान दीपक जलाना शुभ माना जाता है।
- दीपक के बिना पूजा अधूरी मानी जाती है।
- घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार बढ़ता है।
धर्म डेस्क. पूजा के दौरान दीपक जलाना बहुत शुभ माना जाता है। दीपक के बिना पूजा अधूरी मानी जाती है और इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह भी बढ़ता है।
वास्तु शास्त्र में दीपक जलाने से लेकर दिशा, बाती, तेल और घी के चयन से लेकर दीपक के स्थान तक कई महत्वपूर्ण नियम बताए गए हैं। इन नियमों का पालन करने से पूजा का पूरा फल मिलता है और वातावरण भी शुद्ध रहता है।
दीपक कैसे जलाएं?
- घर के मंदिर में प्रतिदिन घी या सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए।
- घी का दीपक मंदिर के बाईं ओर रखें।
- मंदिर के दाहिनी ओर तेल का दीपक रखना शुभ माना जाता है।
- वास्तु में प्रकाश के चयन का भी विशेष महत्व है-
- घी के दीपक में सफेद रुई की बत्ती का प्रयोग करें।
- तेल के दीपक में लाल धागे की रोशनी शुभ मानी जाती है।
किस दिशा में जलाना चाहिए दीपक?
- वास्तु शास्त्र के अनुसार दीपक जलाने के लिए उत्तर दिशा या उत्तर-पूर्व दिशा सर्वोत्तम मानी जाती है।
- दीपक की बाती का मुख पूर्व या उत्तर दिशा की ओर होना चाहिए।
किन दिशाओं में नहीं जलाना चाहिए दीपक?
- दक्षिण दिशा में दीपक जलाना अशुभ माना जाता है, इसे यम दिशा कहा जाता है।
- पश्चिम दिशा भी दीपक के लिए सही नहीं मानी जाती है।
- इन दिशाओं में दीपक जलाने से नकारात्मक प्रभाव बढ़ने की संभावना रहती है।
इन्हें बिल्कुल भी नजरअंदाज न करें
- दीपक को भगवान की मूर्ति के बहुत पास या बहुत दूर न रखें।
- यदि दीपक धातु का बना है तो उसे प्रतिदिन साफ अवश्य करें।
- दीपक जलाने के बाद उसे बिना वजह बार-बार न हिलाएं।
वास्तु के ये सरल नियम न केवल पूजा को अधिक प्रभावशाली बनाते हैं, बल्कि घर में सकारात्मक ऊर्जा और शांति भी बढ़ाते हैं।



