सोमवार को बाजार समिति परिसर में हुई बैठक में निर्णय लिया गया कि मंगलवार को जिले के सभी व्यवसायी काला बिल्ला लगाकर विरोध जतायेंगे. बुधवार को बाजार समिति परिसर में हस्ताक्षर अभियान चलाया जायेगा और गुरुवार को दोपहर 12 बजे तक सभी प्रतिष्ठान बंद रखकर रणधीर वर्मा चौक पर महाधरना दिया जायेगा. जिला चैंबर अध्यक्ष चेतन गोयनका ने कहा कि घटना के आठ दिन बाद भी पुलिस घटना का पर्दाफाश करने में विफल रही है. ऐसे में व्यापारी वर्ग के पास आंदोलन के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है। उन्होंने कहा कि तीन दिनों के आंदोलन के बाद भी घटना का खुलासा नहीं हुआ तो धनबाद बंद की घोषणा की जायेगी.
अपराधियों को पुलिस का कोई डर नहीं है
महासचिव अजय नारायण लाल ने कहा कि अपराधियों को अब पुलिस का डर नहीं रह गया है. बाजार समिति चैंबर अध्यक्ष जीतेंद्र अग्रवाल ने कहा कि अपराधियों ने खुलेआम हमला किया और लूटपाट कर भाग गये. यह पूरी तरह से सुरक्षा व्यवस्था की विफलता है. जिला खाद्यान्न व्यवसायी संघ के अध्यक्ष विनोद गुप्ता ने कहा कि धनबाद में कानून व्यवस्था की स्थिति लगातार खराब होती जा रही है. महासचिव विकास कंधवे ने कहा कि 1992 के बाद बाजार समिति में यह दूसरी बड़ी घटना है. बाजार समिति परिसर से जीटी रोड पर थाना स्थानांतरित होने के बाद यहां टीओपी (थाना आउट पोस्ट) की व्यवस्था करना जरूरी था, लेकिन आज तक ऐसा नहीं हो सका है. बैठक में चैंबर के प्रदीप सिंह, पप्पू सिंह, संतोष अग्रवाल, मनोरंजन सिंह, पंकज गुप्ता, श्रवण सिन्हा, अशोक सर्राफ, प्रांजल साव, बब्लू गुप्ता, रंजीत साव, श्याम भीमसरिया, शैलेश सिंह आदि मौजूद थे।
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