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रांची/डेस्क: भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद एवं राष्ट्रीय कृषि उच्च प्रसंस्करण संस्थान, नामकुम के पलाश सभागार में सात दिवसीय मास्टर ट्रेनर्स प्रशिक्षण का आज समापन हो गया। समारोह में राज्य की कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की शामिल हुईं. सिद्धको फेड की पहल पर सरायकेला-खरसावां और चाईबासा जिले के 200 किसानों को लाह की खेती के लिए मास्टर ट्रेनिंग दी गई. मास्टर प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले किसानों को मंत्री से प्रमाण पत्र मिला। इस दौरान किसानों के चेहरे पर आत्मविश्वास साफ झलक रहा था.
समापन समारोह के अवसर पर एनआईएसए और सिधको फेड के बीच एक एमओयू पर हस्ताक्षर किये गये. जो भविष्य में लाह उत्पादन को बढ़ावा देने में तकनीकी मार्गदर्शन प्रदान करने में कारगर साबित होगा। इस मौके पर कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने कहा कि किसानों के सहयोग से झारखंड में एक स्वस्थ इको सिस्टम बनाना है. सरकार फिलहाल सहयोग की भूमिका में है. उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है कि लाह की खेती झारखंड के लिए कोई नया उत्पाद है, बल्कि आदिवासी लंबे समय से पारंपरिक रूप से इससे जुड़े रहे हैं. आज आधुनिक तकनीक के साथ इस दिशा में कदम उठाने की जरूरत है। मंत्री ने कहा कि लाह की मांग अब देश तक ही सीमित नहीं है, अब विदेशों में भी लाह की मांग तेजी से बढ़ रही है. यदि आपका उत्पाद बेहतर होगा तो आपके उत्पाद का बाजार मूल्य भी बढ़ेगा।
मंत्री ने कहा कि यदि ग्राम पंचायतों को क्लस्टर के रूप में विकसित कर लाह के क्षेत्र में काम किया जाये, तो लाह उत्पादन में झारखंड की नयी पहचान बनेगी. उन्होंने कहा कि लाख उत्पादन से जुड़कर कई किसानों के जीवन में बड़ा बदलाव आ चुका है। मास्टर ट्रेनर्स के इस प्रशिक्षण से लाख उत्पादन से जुड़े किसानों को काफी फायदा होने वाला है. इस क्रम में मंत्री ने प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले किसानों से भी जानकारी ली. इस मौके पर निदेशक अभिजीत कर, सिडको फेड सचिव राकेश कुमार सिंह, झास्को लैंपफ के एमडी प्रकाश कुमार भी मौजूद थे.
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