इंदौर, 17 नवंबर (भाषा) मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की इंदौर पीठ ने आगामी शहरी निकाय चुनावों के लिए मतदाता सूची पुनरीक्षण कार्यक्रम पर रोक लगाने की मांग करने वाली एक कांग्रेस नेता की याचिका पर सोमवार को राज्य सरकार, राज्य चुनाव आयोग और अन्य उत्तरदाताओं से संक्षिप्त जवाब मांगा। याचिकाकर्ता के एक वकील ने यह जानकारी दी.
शहर में कांग्रेस के चुनाव कार्य विभाग के प्रभारी पूर्व पार्षद दिलीप कौशल के वकील जयेश गुरनानी ने संवाददाताओं को बताया कि उनके मुवक्किल ने शहरी निकाय चुनाव के लिए मतदाता सूची पुनरीक्षण कार्यक्रम में कथित विसंगतियों को लेकर उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है।
उन्होंने कहा, ”याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने राज्य सरकार, राज्य चुनाव आयोग, इंदौर के जिला निर्वाचन अधिकारी और शहर के सभी क्षेत्रों के मतदाता पंजीकरण अधिकारियों से संक्षिप्त जवाब मांगा है.”
कोर्ट ने याचिका पर अगली सुनवाई के लिए 26 नवंबर की तारीख तय की है.
गुरनानी ने कहा कि कांग्रेस नेता की याचिका में मध्य प्रदेश नगर पालिका चुनाव नियम 1994 के उपनियमों को ‘त्रुटिपूर्ण’ बताया गया है.
याचिका में मतदाता सूची पुनरीक्षण कार्यक्रम के दौरान जोड़े गए और घटाए गए मतदाताओं के आवेदन सार्वजनिक नहीं करने, अयोग्य कर्मचारियों को बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) बनाए जाने और इंदौर नगर निगम क्षेत्र में कथित भवन संख्या ‘शून्य’ पर बड़ी संख्या में मतदाताओं के नाम दर्ज होने के आरोप शामिल हैं।
गुरनानी ने कहा, ‘याचिका में उच्च न्यायालय से मतदाता सूची के पुनरीक्षण कार्यक्रम को रोकने और प्रतिवादियों को याचिका के निपटारे तक अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित नहीं करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है.’
भाषा आनंद
राजकुमार
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