रामनगर/बाराबंकी, लोकजनता। महादेवा महोत्सव के सांस्कृतिक पंडाल में सोमवार की शाम देश की प्रसिद्ध कथक कला की सुरम्य छटा बिखरी, जब पंडित अनुज मिश्रा एवं नेहा मिश्रा एंड ग्रुप के कलाकारों ने कथक नृत्य के माध्यम से भगवान शिव की लीलाओं की अद्भुत एवं भावपूर्ण प्रस्तुति की।
कार्यक्रम की शुरुआत आनंद तांडव कर्पूर गौरं करुणावताराम के मनमोहक नृत्य से हुई, जिसने दर्शकों को आध्यात्मिक आनंद से भर दिया। इसके बाद कलाकारों ने ‘रौद्र तांडव जटा तवी गलत ज्वलात’ की अनूठी प्रस्तुति दी, जिसने दर्शकों को भक्ति और ऊर्जा से मंत्रमुग्ध कर दिया.
करीब पांच हजार साल पुरानी शिव ध्रुपद की खूबसूरत प्रस्तुति कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण बनी और इसने सभागार में मौजूद हर शख्स का मन मोह लिया. इसके अलावा मंच पर शक्ति वंदना जय जय गिरिराज किशोरी, शिव-गंगा और शिव नाटिका की बेहतरीन नृत्य-नाटिका प्रस्तुति भी की गई, जिसे दर्शकों ने खड़े होकर सराहा. कार्यक्रम का कुशल संचालन आशीष पाठक ने किया।
सांस्कृतिक पंडाल लोकगीतों व भजनों की मधुर धारा से गूंज उठा।
रामनगर. महादेवा महोत्सव के सांस्कृतिक पंडाल में सोमवार की शाम भक्ति और लोक संगीत का अनोखा संगम देखने को मिला, जब पूर्णिमा एवं सुर सरगम ग्रुप की प्रसिद्ध लोक गायिका पुष्पा त्रिवेदी ने अपने साथी कलाकारों के साथ एक से बढ़कर एक प्रस्तुतियां देकर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया.
कार्यक्रम की शुरुआत पुष्पा त्रिवेदी की भावपूर्ण प्रस्तुति ‘करुणा निधान रउवा जगत के दाता’ से हुई, जिससे पंडाल में भक्ति का माहौल बन गया. इसके बाद उनका गाया भजन मेरी विनती सुनो सांवरे राम जी ने श्रोताओं के मन में गहरी छाप छोड़ी।
लोकगीतों की शृंखला में तोहार दूल्हा हो, तोहार दूल्हा गौरा सबसे निराला प्रस्तुत कर लोगों को झूमने पर मजबूर कर दिया. कार्यक्रम में तेजस्वी त्रिवेदी की प्रस्तुति ‘जैसे शिव के मनई हो’ ने शिवभक्ति का रंग जमा दिया.
आशा त्रिवेदी ने चलो चली भैया महादेवा लोधेश्वर का शिवनगरी गीत प्रस्तुत कर भक्तों को महादेवा धाम से भावनात्मक रूप से जोड़ा। दर्शकों ने सभी प्रस्तुतियों की सराहना की और कलाकारों के शानदार प्रदर्शन की सराहना की। लोक संगीत और भक्ति से सराबोर यह शाम महोत्सव की सबसे यादगार प्रस्तुतियों में से एक रही.



