हिंदू धर्म में मार्गशीर्ष माह का विशेष महत्व माना जाता है। आने वाली एकादशियों, अमावस्या और पूर्णिमा का विशेष महत्व है। मार्गशीर्ष अमावस्या 20 नवंबर को है। इस दिन पवित्र नदी में स्नान करने और दान करने का नियम है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जो व्यक्ति मार्ग विशेष अमावस्या के दिन पूजा-पाठ और दान करता है, उसे जीवन में किसी भी चीज की कमी का सामना नहीं करना पड़ता है। पितरों का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए भी यह तिथि महत्वपूर्ण मानी जाती है। इस दिन अपनी श्रद्धा के अनुसार कुछ चीजों का दान करें जिससे आपको शुभ फल मिलेगा।
मार्गशीर्ष अमावस्या कब है?
पंचांग के अनुसार 20 नवंबर को मार्गशीर्ष अमावस्या मनाई जाने वाली है. यह तिथि 19 नवंबर को सुबह 9 बजकर 43 मिनट पर शुरू होगी. इसका समापन 20 नवंबर को दोपहर 12:16 बजे होना है।
इन चीजों का करें दान
- मार्गशीर्ष अमावस्या पर स्नान करने के बाद भगवान विष्णु और पितरों की पूजा करें। इसके बाद आपको चावल, गेहूं और काले तिल गरीबों को या किसी मंदिर में दान करना चाहिए। ऐसा करने से पितृ शांत होते हैं और उनकी कृपा से जीवन में सुख-शांति बनी रहती है।
- अगर आप चाहते हैं कि आपके पितर आपसे प्रसन्न रहें तो अमावस्या के दिन सुबह स्नान करके अपने पितरों का ध्यान करें। – अब आपको साबुत उड़द और कंबल जैसी चीजों का दान करना चाहिए. कहा जाता है कि इन चीजों का दान करने से केतु और राहु के अशुभ प्रभाव दूर होते हैं और शुभ फल प्राप्त होते हैं।
- इस दिन पितरों की शांति के लिए तर्पण करना बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। पितरों को दिए गए तर्पण से उनकी आत्मा को संतुष्टि मिलती है। इस दिन पशु-पक्षियों को भोजन कराएं। ऐसा करने से जीवन में खुशियां आती हैं और सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं।
इन नियमों का पालन करें
- अमावस्या के दिन सदैव पवित्र नदी में स्नान करें।
- इस दिन दान और तर्पण अवश्य करना चाहिए।
- इस दिन किसी भी व्यक्ति के बारे में गलत विचार नहीं रखना चाहिए।
- इस तिथि पर तिल का दान अवश्य करना चाहिए। जरूरतमंदों को भोजन का दान भी अवश्य करें।
- इस दिन काले रंग के कपड़े बिल्कुल भी नहीं पहनने चाहिए और घर की साफ-सफाई का ध्यान रखना चाहिए।
डिस्क्लेमर- यहां दी गई जानकारी सामान्य जानकारी के आधार पर दी गई है. एमपी ब्रेकिंग न्यूज यह दावा नहीं करता कि ये सत्य और सटीक हैं।



