पटना
रविवार की रात से बिहार की राजनीति नये मोड़ पर पहुंच गयी है.
राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य राजनीति और परिवार दोनों से दूरी बनाने के बाद अब सियासी बयानों का दौर शुरू हो गया है. इस विवाद को विपक्ष ने तुरंत भुनाया और तेजस्वी यादव पर निशाना साधना शुरू कर दिया.
बीजेपी की महिला नेताओं ने इस घटना को ‘लालू परिवार की हकीकत’ बताते हुए कड़े सवाल उठाए हैं.
बीजेपी का सीधा हमला: ”क्या ये तेजस्वी की ‘माई-बहन मान’ योजना थी?”
भाजपा नेता और बिहार राज्य मीडिया पैनलिस्ट डॉ. प्रीति शेखर रोहिणी आचार्य के फैसले पर तीखी प्रतिक्रिया दी.
उसने कहा-
“अगर किसी की अपनी बेटी को घर से बाहर निकाल दिया गया और उसे चप्पल उठाकर पीटने के लिए कहा गया, तो क्या यह तेजस्वी यादव की ‘माई-बहन मान योजना’ थी? जो घर की बेटी का सम्मान नहीं कर सके, वे बिहार की महिलाओं का क्या सम्मान करेंगे?”
भाजपा नेता ने इसे राजद की ”महिला सम्मान” की राजनीति को उजागर करने वाला मामला बताया।
संजय यादव को लेकर बीजेपी का बड़ा आरोप
डॉ. प्रीति शेखर ने कहा कि राजद परिवार पर बाहरी लोगों का प्रभाव बढ़ गया है.
उन्होंने सवाल उठाया-
“लालू परिवार में संजय यादव का दखल इतना क्यों बढ़ गया है? क्या इसीलिए एक बेटी को परिवार से बाहर निकालना पड़ रहा है?”
उन्होंने कहा कि रोहिणी के खुलासे से साबित होता है कि परिवार और पार्टी दोनों पर “बाहरी सलाहकारों” का कब्जा हो गया है।
”पहले अपने परिवार की बेटियों का सम्मान करना सीखें”: बीजेपी का तीखा तंज
बीजेपी पैनलिस्ट ने राबड़ी देवी, मीसा भारती और पूरे लालू परिवार पर भी निशाना साधा.
उसने कहा-
“हर मंच पर महिला सशक्तिकरण और महिला सम्मान की बात करने वाले लोग अपने ही परिवार की बेटियों का सम्मान नहीं कर पा रहे हैं। पहले परिवार की बेटियों का सम्मान बचाना सीखें।”
उन्होंने कहा कि रोहिणी आचार्य ने जिस तरह सार्वजनिक रूप से अपमान की बात कही, वह बिहार की हर महिला के लिए चिंताजनक है.
रोहिणी के फैसले से गरमाई सियासत- आगे बढ़ सकता है बड़ा तूफान!
रोहिणी आचार्य के आरोप बेहद गंभीर हैं-
- चप्पल उठाकर मारने का प्रयास
- गंदी गालियाँ
- घर से बाहर निकालो
- बाहरी लोगों का हस्तक्षेप
- छोटे भाई तेजस्वी पर सीधा आरोप
इन घटनाओं ने बिहार की राजनीति को पूरी तरह से हिला कर रख दिया है.
रविवार शाम से ही राजद के अंदर गहरी अंदरूनी कलह उजागर हो गई है और अब विपक्ष इसे मुद्दा बनाकर हमला तेज करने की तैयारी में है.
क्या राजद में ‘संकट मोड’ शुरू हो गया है?
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है-
- चुनाव में हार से पहले ही राजद अंदरूनी कलह से जूझ रही थी.
- रोहिणी के खुलासों से पार्टी की छवि को गहरा आघात पहुंचा है.
- परिवार में लगातार बढ़ती दरार का असर चुनावी रणनीति पर भी पड़ेगा.
- बीजेपी और एनडीए इस मुद्दे को बिहार में एक बड़े पॉलिटिकल नैरेटिव के तौर पर पेश कर सकती है
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