मुरादाबाद, लोकजनता। बेमौसम बारिश और खराब फसल का असर आम आदमी की थाली पर दिख रहा है. पहले से ही महंगी थाली का बजट 15 दिनों में और बढ़ गया है. इससे आम लोग परेशान हैं. हालात ऐसे हैं कि सर्दी के मौसम में घरों की थाली से हरी सब्जियां गायब हैं. वहीं, टमाटर और धनिया की बढ़ती कीमतों ने लोगों का जायका बिगाड़ दिया है.
सर्दियों में मौसमी सब्जियां बहुतायत में मिलती थीं, लेकिन इस बार सब्जियां आम आदमी की थाली से दूर हैं. पालक, मेथी, मूली और हरी धनिया के दाम आसमान छू रहे हैं. गोविंद नगर सब्जी मंडी के विक्रेता सुनील सैनी ने बताया कि सब्जियों के दाम बढ़ने का मुख्य कारण पिछले महीने हुई बेमौसम बारिश है. मोंटी ने कहा कि बारिश के कारण स्थानीय सब्जियां अभी बाजार तक नहीं पहुंच रही हैं. इसके चलते ज्यादातर सब्जियां बाहर से आ रही हैं। नवंबर की शुरुआत से ही आम आदमी को थोक मंडियों से लेकर खुदरा दुकानों तक बढ़ी कीमतों पर सब्जियां खरीदनी पड़ रही हैं.
रविवार को कटघाट छोटी सब्जी मंडी में लोगों ने बताया कि सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं. इससे उनका बजट बिगड़ रहा है. खरीदार नीलू ने बताया कि सर्दी शुरू होते ही सब्जियां सस्ती हो गई हैं। लेकिन, इस बार तो मानो आग लग गई है. धनिया और टमाटर जैसी चीजें बजट बिगाड़ रही हैं. गरीब और मध्यम वर्ग का पूरा बजट रसोई में ही खर्च हो जाता है। साक्षी गौतम ने कहा कि सब्जी खरीदना आम लोगों की पहुंच से बाहर हो गया है. चार लोगों के परिवार के लिए सब्जियों की लागत प्रतिदिन 200 रुपये आती है। टमाटर, पत्तागोभी, पालक और मेथी के दाम पिछले साल की तुलना में तीन गुना से भी ज्यादा हैं. वहीं, आलू भी लोगों की पहुंच से दूर नजर आने लगा है.
15 दिन में सब्जियों के दाम में अंतर
सब्जी अब 15 दिन पहले
आलू 20 16
टमाटर 70 35
पत्तागोभी 70 60
बैंगन 50 35
परवल 120 90
शिमला मिर्च 80 60
मूली 50 60
धनिया 200 150
मटर 180
नये आलू 30



