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Monday, November 17, 2025
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धीरेंद्र शास्त्री की पदयात्रा के समापन पर रामभद्राचार्य का ऐलान, दिल्ली से कश्मीर तक निकाली जाएगी हिंदू एकता यात्रा, बोले अब ‘ओम क्रांति’ नहीं ‘ओम शांति’


वृन्दावन: बागेश्वर धाम के प्रमुख पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की 10 दिवसीय ‘सनातन हिंदू एकता पदयात्रा’ गुरुवार को वृंदावन में संपन्न हुई। इस यात्रा के समापन कार्यक्रम में मशहूर कथावाचक जगद्गुरु रामभद्राचार्य भी शामिल हुए और बड़ा ऐलान किया. उन्होंने ऐलान किया कि जल्द ही दिल्ली से कश्मीर तक ‘हिंदू एकता पदयात्रा’ निकाली जाएगी.

मंच से संबोधित करते हुए जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने कहा कि अब हिंदुओं में जागृति आ गयी है. उन्होंने एक नई पदयात्रा की घोषणा करते हुए कहा कि दिल्ली से कश्मीर तक की पूरी यात्रा के दौरान वह खुद मौजूद रहेंगे.

“हिंदू जाग गया है। बहुत हो गया ओम शांति शांति शांति का नारा, अब बोलो ओम क्रांति क्रांति क्रांति। अब बंद करो ओम शांति, शुरू करो ओम क्रांति क्रांति क्रांति।” -जगद्गुरु रामभद्राचार्य

उन्होंने आगे कहा कि आने वाले समय में यह यात्रा निकाली जाएगी और हर हिंदू लड़की को झांसी की रानी की तरह सशक्त बनना होगा.

जनसंख्या वृद्धि और समान नागरिक संहिता (यूसीसी) की मांग

अपने संबोधन में रामभद्राचार्य ने हिंदुओं से अपनी जनसंख्या बढ़ाने का भी आह्वान किया. उन्होंने कहा, “जब तक भारत में हिंदुओं की संख्या 80 फीसदी नहीं हो जाती, तब तक यहां से आतंकवाद खत्म नहीं होगा. हिंदुओं को अपनी आबादी बढ़ानी होगी.”

इसके साथ ही उन्होंने समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को जल्द से जल्द लागू करने के लिए सरकार पर दबाव बनाने की बात कही. उन्होंने कहा कि जो भी हिंदू बनना चाहता है, संत समाज उसका स्वागत करेगा और सभी संतों को एकजुट होकर हिंदुओं को जागरूक करना होगा.

आतंकवाद पर सख्त रुख

जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने आतंकवाद पर कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि अब अधर्मियों को सजा देने का समय आ गया है. दिल्ली के लाल किले के पास हुए विस्फोट का जिक्र करते हुए उन्होंने चेतावनी दी, “लाल किले के पास जो हुआ उसके लिए आतंकवादियों को जल्द ही उचित सजा मिलेगी। ‘माफी’ शब्द अब हमारे शब्दकोश से गायब हो गया है।”

‘यह सामाजिक जागरूकता का अभियान था’

पदयात्रा के समापन पर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने भी श्रद्धालुओं को संबोधित किया. उन्होंने कहा, “यह कोई यात्रा नहीं, बल्कि सामाजिक लोकजनता का अभियान था। आपने सनातन को एकजुट करने की शक्ति दिखाई है।” 10 दिनों की यह यात्रा दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों से गुजरी, जिसमें लोगों का जबरदस्त उत्साह देखने को मिला.

आपको बता दें कि यह 10 दिवसीय पदयात्रा 7 नवंबर को दिल्ली से शुरू हुई और हरियाणा से होते हुए उत्तर प्रदेश के वृंदावन में समाप्त हुई. यात्रा के दौरान धीरेंद्र शास्त्री के साथ लाखों श्रद्धालु शामिल हुए। समापन समारोह में आरती, कीर्तन और भजन संध्या का आयोजन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में स्थानीय लोग, संत और युवा शामिल हुए.

साभार: एक्स पोस्ट एएनआई



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